खस्ताहाल सड़क से परेशान वकील न्याय मांगने पहुंचे कोर्ट, पीडब्ल्यूडी व प्रशासन को बनाया पार्टी

काठ वाला पुल से जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स तक खस्ता हालत रोड की मरम्मत न होने से नाराज दस वकीलों ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 10:14 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 10:14 PM (IST)
खस्ताहाल सड़क से परेशान वकील न्याय मांगने पहुंचे कोर्ट, पीडब्ल्यूडी व प्रशासन को बनाया पार्टी
खस्ताहाल सड़क से परेशान वकील न्याय मांगने पहुंचे कोर्ट, पीडब्ल्यूडी व प्रशासन को बनाया पार्टी

जागरण संवाददाता, पठानकोट : काठ वाला पुल से जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स तक खस्ता हालत रोड की मरम्मत न होने से नाराज दस वकीलों ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट पहुंचे वकीलों ने बताया कि उक्त रोड जिला का सबसे व्यस्त मार्ग है। सड़क की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि वहां से निकलते वक्त कभी भी कोई हादसा हो सकता है। सड़क के बीचो-बीच इतने ज्यादा गड्ढे है कि आए दिन कोई न कोई वाहन चालक गिरा होता है। संबंधित विभाग ने पिछले कई वर्षों से इसकी रिपेयरिग करवाना भी उचित नहीं समझा है। समस्या को लेकर वकीलों ने जिला प्रशासन, संबंधित विभाग व स्थानीय विधायक को अवगत करवाया, परंतु इस पर किसी ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वह जिला प्रशासन व सरकार के खिलाफ कोर्ट में जाने को मजबूर हुए हैं।

सिविल जज सीनियर डिवीजन में याचिका दायर करने वाले एडवोकेट मंजीत सिंह बड़वाल, एडवोकेट रवि कुमार, एडवोकेट जुगविद्र सिंह राही, एडवोकेट नीलकमल, एडवोकेट जतिद्र देव शर्मा, एडवोकेट ललित मोहन डोगरा, एडवोकेट प्रेम गोपाल शर्मा, एडवोकेट धीरज गोस्वामी, एडवोकेट विनोद धीमान व एडवोकेट संजय गुलाटी ने संयुक्त रुप से बताया कि काठ वाला पुल से लेकर जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स तक करीब डेढ़ किलोमीटर एरिया में सड़क की हालत बद से बदतर हो चुकी है। जिला बार एसोसिएशन के बैनर तले वकीलों ने संबंधित विभाग को अवगत करवाया। सुनवाई नहीं हुई तो वकीलों ने रास्ता भी जाम किया। मार्च महीने समस्या को लेकर विधायक एवं जिला प्रशासन को भी मिले। आश्वासन मिला कि जल्द रोड़ का निर्माण करवा दिया जाएगा परंतु अभी तक काम शुरु नहीं हुआ। बताया कि जिला प्रशासन व विभाग ने खड्डी-खड्ड से लेकर नलवा नहर तक करीब पौने दो किलोमीटर रोड को पहले बनाने का काम किया, उसकी इतनी जरुरत नहीं थी जितनी काठ वाला पुल से लेकर जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स तक मार्ग की थी। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों की जिदगियों से खिलवाड़ कर रही है। इसी कारण काठ वाला पुल मार्ग की रिपेयरिग करवाने के काम पर वह गंभीरता नहीं दिखा रही। सड़क की खस्ता हालत के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। जिला प्रशासन लोगों के जान-माल का ध्यान नहीं रख रहा जिस कारण वह कोर्ट का सहारा लेने के लिए मजबूर हुए हैं।

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