बाजवा की खेमेबाजी, जोगिदर के कैप्टन - जाखड़ से न डरने के बोल

वीरेन पराशर पठानकोट सांसद प्रताप बाजवा सांसद प्रताप बाजवा का हालिया पठानकोट दौरा क्या महज कार्यक्रम में शरीक होना था? का हालिया पठानकोट दौरा क्या महज कार्यक्रम में

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 05:30 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 05:13 AM (IST)
बाजवा की खेमेबाजी, जोगिदर के कैप्टन - जाखड़ से न डरने के बोल
बाजवा की खेमेबाजी, जोगिदर के कैप्टन - जाखड़ से न डरने के बोल

वीरेन पराशर, पठानकोट : सांसद प्रताप बाजवा का हालिया पठानकोट दौरा क्या महज कार्यक्रम में शरीक होना था? आम लोग शायद इस बात की गहराई को न समझ रहे हो, लेकिन राजनीति के जानकार इस बात को समझ और परख चुके हैं कि कांग्रेस की आगामी राजनीति में शह और मात के खेल का आगाज हो चुका है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह व प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ के साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है। इस चहलबाजी के साथ कांग्रेस पार्टी में वर्चस्व की जंग होगी। रोचक है कि विधानसभा चुनाव से करीब एक साल पहले बाजवा ने कलाबाजी का हुनर दिखाना शुरू कर दिया है। यही बात है कि बाजवा पठानकोट से जाते हुए जिले में अपनी राजनीति की नई पिच तैयार गए। मैदान अपना है तो बिना टीम के मैच जीतने की बात बेमानी है। तीन सालों तक सांसद बाजवा की जिले की राजनीति में भूमिका न के बराबर रही। अब उनकी सक्रियता कांग्रेस के धुरंधरों के लिए परेशानी हो सकती है और प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ के दबदबे वाले पठानकोट जिले में कितनी सेंध लगा सकते हैं, यह तो वक्त ही बताएगा। टीम में नए चेहरे गुरदासपुर से लोकसभा सदस्य रह चुके प्रताप बाजवा की पठानकोट जिले में अच्छी पकड़ रही है। भोआ के विधायक जोगिदर पाल उनके सबसे करीबी माने जाते हैं। जबकि, सुजानपुर विस से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अमित मंटू भी उनके समर्थकों में से एक हैं। हाल के दौरे में पठानकोट के पूर्व विधायक अशोक शर्मा व रमन भल्ला भी उनके अंग-संग दिखे। इसके अलावा उनके कार्यक्रम में स्थानीय कांग्रेस नेताओं एवं वर्करों की भी संख्या काफी रही। बाजवा की भूमिका भोआ और सुजानपुर हलके में अहम रही है। इस बार वह पठानकोट हलके में भी निशाना साधना चाह रहे। जोगिदर ने भी भरी हुंकार

बाजवा के समर्थक विधायक जोगिदर पाल ने फिर हुंकार भर दी है। अपनी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहने वाले जोगिदर पाल इस बार फिर चर्चाओं में है। बाजवा के कार्यक्रम में वह मंच पर यहां तक कह गए कि वह कैप्टन-प्रधान से नहीं डरते। बाजवा के शागिर्द होने पर उनके ही साथ चलेंगे। पहले भी कई मंचों पर प्रताप बाजवा समर्थक होने का दावा करने से नहीं चूकते। अबकी बार वह फिर जोश में है। जाखड़ के दबदबे में बाजवा की कितनी सेंध ? पठानकोट में कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ का दबदबा माना जाता है। एक तो वह यहां से सांसद रह चुके हैं और साथ ही प्रधान होने पर उनका नेताओं से लेकर वर्कर तक सीधा वास्ता है। यहां के आला नेताओं की लंबी पंक्ति ऐसी है जोकि सुनील जाखड़ की प्रिय और बड़ी समर्थक है। अब सवाल यही है कि जाखड़ के दबदबे वाले जिले में बाजवा कितनी सेंध लगा पाएंगे। बेशक बाजवा समर्थकों की लड़ी में जाने माने चेहरे है लेकिन मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रधान भी अपने पसंदीदा चेहरों को ही आगे लाएंगे।

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