हिदू बैंक की डिफाल्टरों से ओटीसी पर भी लगी आचार संहिता

पठानकोट द हिदू कोआपरेटिव बैंक प्रबंधन भी आचार संहिता में बड़ा कदम नहीं उठा पाएगा। बैंक प्रबंधन डिफाल्टर्स के पास फंसे करोड़ों रुपये के लोन को निकालने के लिए वन टाइम सेटलमेंट नहीं कर पाएगा। बैंक प्रबंधन को चुनावों तक इसका इंतजार करना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 May 2019 12:55 AM (IST) Updated:Wed, 01 May 2019 06:38 AM (IST)
हिदू बैंक की डिफाल्टरों से ओटीसी पर भी लगी आचार संहिता
हिदू बैंक की डिफाल्टरों से ओटीसी पर भी लगी आचार संहिता

राज चौधरी, पठानकोट : द हिदू कोआपरेटिव बैंक प्रबंधन भी आचार संहिता में बड़ा कदम नहीं उठा पाएगा। बैंक प्रबंधन डिफाल्टर्स के पास फंसे करोड़ों रुपये के लोन को निकालने के लिए वन टाइम सेटलमेंट नहीं कर पाएगा। बैंक प्रबंधन को चुनावों तक इसका इंतजार करना होगा। ऐसे में डिफाल्टर्स की ओर से लोन चुकाने के सेटलमेंट के सुझाव पर फिलहाल कोई मुहिम नहीं चल पाएगी। इसका सीधा असर बैंक की ओर से जल्द रिकवरी करने के प्रयास पर पड़ेगा। करीब 80 करोड़ रुपये के एनपीए होने के बाद बैंक कर्ज राशि की रिकवरी के लिए हाथ पांव मार रहा है।

अब इस स्थिति से निकलने और डिफाल्टरों से पैसों की वसूली के लिए बैंक प्रबंधन तथा कोआपरेटिव सोसायटी चंडीगढ़ के पदाधिकारियों की मंगलवार को बैठक हुई। इसमें डिफाल्टर्स को राहत देने की नीति पर चर्चा हुई तथा उनपर ब्याज दर्ज कम करने के लिए ओटीसी (वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी) लाने पर विचार किया गया। लेकिन इस पर अंतिम फैसला चुनाव अचार संहिता के खत्म होने के बाद ही लिया जा सकेगा। बैठक में रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा गत माह से बैंक से नकदी लगाने की रोक को हटाने पर भी स्थानीय पदाधिकारियों ने बात रखी। हिदू बैंक

प्रबंधन कमेटी ने कहा कि यदि खाता धारक अपने खाते से पैसे नहीं निकाल सकेंगे तो उनका बैंक से विश्वास उठ जाएगा। ऐसे में आगामी समय में बैंक को चलाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन होगा। कोआपरेटिव सोसायटी चंडीगढ़ के पदाधिकारियों ने भी इस बात को माना तथा उन्होंने इस संबंध में जल्द ही आरबीआइ से इस विषय पर भी बात करने पर सहमति जताई। मालूम हो कि बैंक के करीब 175 डिफाल्टरों पर 80 करोड़ रुपये का लोन हैं।

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जेल जाने के डर से डिफाल्टर ने 50 लाख दिए

हिदू बैंक की ओर से डिफाल्टरों की तीन लिस्टें जारी करने के बाद मंगलवार एक डिफाल्टर ने 50 लाख रुपये का चैक दिया। इस डिफाल्टर पर करीब साढ़े चार करोड़ रुपये का लोन है। डिफाल्टर ने बैंक अधिकारियों को पचास लाख रुपये का चेक देने के साथ ही विश्वास दिलाया कि वह अपनी शेष रहती 4 करोड़ रुपये की राशि अपनी प्रापर्टी को बेच कर बैंक का भुगतान कर देगा। इसके लिए उक्त डिफाल्टर ने बैंक से आगामी 15 दिन की मोहलत मांगी है।

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अभी मात्र सात करोड़ रुपये की रिकवरी

जानकारी के अनुसार पौने दो सौ के करीब डिफाल्टरों की ओर से बैंक के 80 करोड़ रुपये दबाया गया है। पिछले एक माह से चल रही रिकवरी में बैंक की छह टीमें मात्र सात करोड़ रुपये ही एकत्र कर पाई हैं। ऐसे में डिफाल्टरों से पूरी राशि एकत्र कर पाना अभी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। यदि ऋणधारकों से साथ-साथ ही पैसा एकत्र समय पर होता तो आज हालात कुछ ओर होते।

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रिकवरी के लिए हमारे प्रयास जारी हैं। ऐसे में प्रबंधन सभी उचित कदम उठाएगा और पैसा वापस जाएगा।

-सुक्खा सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार

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