एचआइवी मरीजों में 40 फीसद कमी, 60 पाजिटिव आए

जिले में एचआइवी मरीजों में 40 प्रतिशत कमी आई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Dec 2020 07:30 AM (IST) Updated:Mon, 28 Dec 2020 07:30 AM (IST)
एचआइवी मरीजों में 40 फीसद कमी, 60 पाजिटिव आए
एचआइवी मरीजों में 40 फीसद कमी, 60 पाजिटिव आए

संवाद सहयोगी, पठानकोट : जिले में एचआइवी मरीजों में 40 प्रतिशत कमी आई है। इसका मुख्य कारण एचआइवी टेस्ट में कमी बताया जा रहा है। कोरोना के कारण लोग घरों से कम निकल रहे हैं। हालांकि विभाग इसका कारण जागरूकता बता रहा है। दुखद बात यह है कि सिविल अस्पताल में एचआइवी मरीजों के लिए कोई अलग वार्ड नहीं बनाया गया है। अगर कोई गंभीर स्थिति में मरीज अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचता है तो उसे अमृतसर मेडिकल कालेज शिफ्ट कर दिया जाता है। मरीज की स्थिति के अनुसार उसका अस्पताल में उपचार किया जाता है।

इस वर्ष में 60 एक्टिव केस

जिले में एचआइवी के 60 के करीब एक्टिव केस हैं। इनमें 40 जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले हैं। 20 दूसरे जिले के रहने वाले हैं। क्योंकि एआरटी सेंटर में गुरदासपुर, मुकेरिया, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, कठूआ से भी मरीज आते हैं।

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50 गांवों का सर्वे कर चुकी वैन

सेहत विभाग ने 18 से 27 दिसंबर तक जन जागरूकता वैन शुरू की है। वह जिले के पचास गांवों का सर्वे कर चुकी है। इसमें ब्लाक नरोट जैमल सिंह के अधीन आते 10 के करीब गांव, घरोटा के अधीन 15 के करीब गांव, बुंगल बधानी के अधीन आते 15 गांव, सुजानपुर के अधीन आते दस गांव है। रोज एक सौ के करीब लोगों की टीम एचआइवी टेस्टिग कर रही है। जिले में दो हजार से ऊपर लोगों की एचआइवी सैंपलिग की जा चुकी है।

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कोरोना का एचआइवी मरीजों पर कम रहा प्रभाव

जिला एड्स कंट्रोल अफसर डा. श्वेता गुप्ता ने कहा कि कोरोना संकट में एचआइवी मरीजों में कोई लक्ष्ण नहीं पाए जा रहे। क्योंकि एचआइवी मरीज को जो दवा दी जाती है वह एंटीबायटिक दवा होती है। इसी दौरान कोरोना मरीज को भी एंटीबायटिक दवा दी जाती है। इसलिए दवा का असर एक जैसा होने पर एचआइवी मरीजों पर कोरोना प्रभाव बहुत कम देखने को मिला है।

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पिछले दो वर्ष इतने मरीज मिले पाजिटिव

वर्ष 2018 में एचआइवी के कुल मरीज 180 के करीब पाजिटिव पाए गए थे। इसी तरह, साल 2019 में 130 के करीब पाजिटिव मिले थे। क्योंकि इन साल में रूटीन वाइज मरीजों की जांच होती थी। इस बार कोविड-19 संक्रमण होने के कारण मरीजों की जांच का सिलसिला जून माह से शुरू किया गया है। जिससे मरीजों के ग्राफ में कमी पाई गई है।

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सिविल अस्पताल में एआरटी सेंटर की एसएमओ डाक्टर परविद्र कौर ने बताया कि नार्मल स्थिति होने पर मरीज को घर पर ही शिफ्ट कर दवा लिखकर दी जाती है। उसे पूरी सावधानी बरतने के लिए बोला जाता है। सेहत कर्मी मरीज के संपर्क में रहते हैं, अगर मरीज को घर में उपचार दौरान कोई समस्या आती है तो वह सीधा स्टाफ कर्मियों के साथ संपर्क कर लेते हैं। एचआइवी लक्षण दिखने पर तुरंत सिविल अस्पताल में अपनी टेस्टिग करवाए, ताकि समय रहते मरीज के उपचार को संभव बनाया जा सके।

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एचआइवी के लक्षण

. बुखार होना

. सिरदर्द होना

. त्वचा पर चकत्ते का होना

. गले में खराश होना

. पेट में दर्द होना

. एक सुई को दूसरे पर इस्तेमाल

. तेजी से अत्याधिक वजन घटना

. सूखी खांसी

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एचआइवी के बचाव

. साफ-सुथरी सुईयां का उपयोग करना

. गर्भावस्था में स्वास्थ का विशेष ध्यान रखना

. सफाई का ध्यान रखना

. एक से अधिक व्यक्ति से यौन संबंध ना रखें

. रक्त ग्रहण करने से पहले रक्त का एचआइवी परीक्षण जरूर करवाए

. एचआइवी पाजिटिव मरीज से उचित दूरी बनाए रखे

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