शहीदी स्मारक पर आरएसडी के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

रणजीत सागर बांध बहुउद्देश्य परियोजना की 17वीं वर्षगांठ रविवार को चीफ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Mar 2018 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 05 Mar 2018 03:00 AM (IST)
शहीदी स्मारक पर आरएसडी के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
शहीदी स्मारक पर आरएसडी के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

संवाद सहयोगी, जुगियाल : रणजीत सागर बांध बहुउद्देश्य परियोजना की 17वीं वर्षगांठ रविवार को चीफ इंजीनियर जेएस नागी की अध्यक्षता में मनाई गई। रणजीत सागर बांध परियोजना के उच्चा थड़ा हैलीपैड पर रणजीत सागर बांध एवं शाहपुरकंडी बांध परियोजना के उच्च अधिकारी एकत्रित हुए और वहां से शहीदी स्मारक तक पैदल चल शहीदी स्थल पर रणजीत सागर बांध परियोजना के निर्माण समय शहीद हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उद्घाटन स्थल पर हवन एवं श्री सुखमणि साहिब के पाठ का भोग डाला गया। उसके उपरांत इरावती बंधन सोवीनार का विमोचन किया गया जिस मे प्रधानमंत्री, पंजाब के मुख्यमंत्री, क्षेत्र के सासंद, विधायक, सिचाई विभाग के मंत्री, सचिव के अलावा बांध परियोजना के मुख्य अभियंता का संदेश प्रकाशित किए गए। विमोचन के बाद भगवान का अटूट लंगर वितरित किया गया। इस मौके पर मुख्य अभियंता ने बताया कि 4 मार्च 2001 को तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रणजीत सागर बांध परियोजना को देश के लिए समर्पित किया था जिसके द्वारा 28 फरवरी 2018 तक लगभग 26500 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो चुका है। जिसकी कीमत लगभग 7200 करोड़ रुपये बनती है। उन्होंने बताया कि रणजीत सागर बांध परियोजना की निर्माण मे 3800 करोड़ रुपये की लागत आई थी। चीफ इंजीनियर जेएस नागी ने आने वाले समय मे बांध परियोजना की खुशहाली के लिए प्रार्थना की और बांध परियोजना के अधिकारियों को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर सेवा मुक्त एसई हैड क्वाटर रोशन लाल मित्तल, मौजूदा सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर हेड क्वाटर सुधीर गुप्ता, सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर सिवल सर्कल एस के गुरनाल, जपान ¨सह, परस राम, नरेश निरगुण, केसी भगत, अनुराग ग्रोवर, एमएस गिल, हरीष कुमार के अलावा अन्य बांध परियोजना के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

दिव्यांग कर्मचारियों को नहीं किया शामिल

इस परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान हुए दिव्यांग कर्मचारी शामिल नहीं हुए। जिससे शहीदों के परिवारों और दिव्यांगों मे रोष पाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बीबीएमबी बांध की वर्षगांठ पर उन पर निर्माण समय शहीद हुए परिवारों, ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हुए कर्मचारियों के अलावा सभी कर्मचारियों को कोई न कोई तोहफा दिया जाता है।

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