श्री गुरु हरगो¨बद ¨सह जी महाराज 1671 में पधारे थे दुर्गापुर

मोहम्मद शाहिद, नवांशहर नवांशहर से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव दुर्गापुर म

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Nov 2017 05:31 PM (IST) Updated:Thu, 02 Nov 2017 05:31 PM (IST)
श्री गुरु हरगो¨बद ¨सह जी महाराज 1671 में पधारे थे दुर्गापुर
श्री गुरु हरगो¨बद ¨सह जी महाराज 1671 में पधारे थे दुर्गापुर

मोहम्मद शाहिद, नवांशहर

नवांशहर से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव दुर्गापुर में स्थापित श्री गुरुद्वारा छठी पातशाही श्री गुरु हरगो¨बद ¨सह जी का ऐतिहासिक गुरुद्वारा है।

बताया जाता है कि मीरी पीरी के मालिक छठी पातशाही श्री हरगो¨बद ¨सह जी महाराज करतारपुर की जंग फतेह करने के बाद पेंदे खान को मार कर गुरुद्वारा सुखचैनआना साहिब सोतरां चरण कंवल साहिब बंगा होते हुए 1671 में गांव दुर्गापुर पधारे थे। गुरु जी यहां पर 24 दिन रहे और संगत को अपने दर्शन देकर निहाल किया। इस दौरान गुरु जी के साथ माता नानकी जी, बाबा गुरु दित्ता जी, गुरु हरी राय साहिब जी और गुरु तेग बहादुर जी साथ थे।

गुरु हरगो¨बद ¨सह जी की याद में इस ऐतिहासिक गुरुद्वारा की स्थापित गुरुद्वारा साहिब का प्रबंध शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एसजीपीसी के अधीन है।

गुरुद्वारा साहिब की देखरेख मैनेजर चरण कंवल साहिब ¨जदोवाल बंगा करते हैं। गुरुद्वारा की ओर से असाढ़ माह में बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। जोड़ मेले में दूर दराज से बड़ी संख्या में संगत पहुंचती है और गुरु जी के आशीर्वाद से निहाल होकर घर को जाते हैं।

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