चेयरमैनी की दौड़ में लगी जोड़-तोड़ की होड़
ब्लाक समिति व जिला परिषद का रण कांग्रेस ने जीत लिया है। विरोधियों के साथ चल रहा मुकाबला खत्म हो गया है। अब अपनों के साथ अंदर खाते मुकाबला शुरु हो गया है इससे पार्टी के नेताओं के अंदर की राजनीति तेज हो गई है। यह मुकाबला है जिला परिषद के चेयरमैन पद का है। चेयरमैनी का ताज किसके सर सजेगा यह तय नहीं है। इसी कारण इस मुकाबले में एक दूसरे की होड़ में लग गए हैं। इसके लिए सभी अपनी ताकत को झोंक रहे हैं।
राजीव पाठक, नवांशहर
ब्लाक समिति व जिला परिषद का रण कांग्रेस ने जीत लिया है। विरोधियों के साथ चल रहा मुकाबला खत्म हो गया है। अब अपनों के साथ अंदर खाते मुकाबला शुरू हो गया है, इससे पार्टी के नेताओं के अंदर की राजनीति तेज हो गई है। यह मुकाबला है जिला परिषद के चेयरमैन पद का है। चेयरमैनी का ताज किसके सिर सजेगा यह तय नहीं है। इसी कारण इस मुकाबले में एक दूसरे की होड़ में लग गए हैं। इसके लिए सभी अपनी ताकत को झोंक रहे हैं।
जिले में जिला परिषद के सदस्यों का गणित देखें तो इसके 10 सदस्य हैं। दस सीटों में से 7 पर कांग्रेस कब्जा जमा लिया है। इसी प्रकार ब्लाक समिति के भी इसमें पांच चेयरमैन भी इसी के सदस्य होते हैं। इन पांचों सीटों पर भी कांग्रेस का कब्जा है। इसके अलावा तीनों विधानसभा के विधायक व सांसद भी इसके सदस्य होते हैं।
इससे स्थिति साफ है कि चेयरमैन कांग्रेस का ही बनेगा, इसलिए कांग्रेस में चेयरमैन बनने के लिए दौड़ शुरू हो गई है। दावेदारों ने अपने आकाओं के पास दौड़ लगानी शुरु कर दी है, जिससे चेयरमैनी की राह उनके लिए आसान हो जाए। इसके लिए पुराने संबंधों की दुहाई दी जा रही है। चेयरमैन के पद के लिए कांग्रेस के दोनों विधायकों व जिला प्रधान की भूमिका रहेगी, क्योंकि तीन सीटों में से दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
जिला परिषद की चेयरमैनी किसके खाते जाएगी। यह पार्टी में अपने रसूख को दर्शायेगी, इसलिए जोड़ तोड़ के लिए अभी काफी समय है क्योंकि अभी जिला परिषद से पहले जिले की पांचों ब्लाकों की ब्लाक समितियों के चेयरमैनों का फैसला होना है। उनके पद ग्रहण के बाद ही जिला परिषद की चेयरमैन की नियुक्ति होगी। इसलिए उम्मीदवारों ने अपने आकाओं के जरिए किलेबंदी शुरु कर दी है। गुट के हिसाब से देखें तो विधायक अंगद ¨सह, विधायक दर्शन लाल मंगूपुर व जिला प्रधान सतबीर ¨सह पल्लीझिक्की इस पद के सूत्रधार हैं। इनकी कोशिश होगी कि किसी अपने समर्थक को चेयरमैन बनाया जाए, जिससे उनकी ताकत बढ़े। लेकिन इसका फैसला पार्टी के बड़े नेताओं को करना है। अब तीनों में से किसकी चलेगी। यह तो आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। संख्या बल के हिसाब से देखें तो संख्या बल के हिसाब से देखें तो नवांशहर हलका ज्यादा मजबूत स्थिति में है। क्योंकि जिला परिषद की चार सीटों पर कब्जा है व ब्लाक समिति की भी एक वोट है, इसके साथ विधायक की अपनी वोट भी है। बलाचौर हलके की बात करे तों कांग्रेस खाते में दो ब्लाक समिति चेयरमैन वोट जिला परिषद की एक सीट व विधायक का अपनी एक वोट है। बंगा क्षेत्र की बात करें तो यहां दो जिला परिषद व दो ब्लाक समिति की सीटें हैं। इसके अलावा अकाली दल व सांझा के पास तीन सीटे जिला परिषद हैं व दो वोट सांसद व विधायक की है। वो¨टग की स्थिति पैदा होने पर इनका रोल अहम हो जाएगा।
जिला प्रधान सतबीर ¨सह पल्ली झिक्की कहते हैं कि चेयरमैन कौन बनेगा यह पार्टी तय करेगी। पार्टी जो फैसला करेगी उसे सभी मानेंगे।