हरबंस कौर की आंखें दो लोगों की जिंदगी करेंगी रोशन
माता हरबंस कौर (सांझी रसोई) की मरणोपरांत दान दी गई आंखें दो अंधेरी जिंदगियों को रोशन करेंगी।
जेएनएन, नवांशहर : राहों निवासी वतन दे वारिस संस्था की फाउंडर चेयरपर्सन माता हरबंस कौर (सांझी रसोई) की मरणोपरांत दान दी गई आंखें दो अंधेरी जिंदगियों को रोशन करेंगी।
इस बारे में नेत्रदान संस्था नवांशहर के महासचिव रत्न कुमार जैन ने बताया कि हरबंस कौर की बीमारी के बाद मौत हो गई थी, जिसके बाद मृतका के दामाद समाज सेवक सुखवीर सिंह खटकड़ (स्टेट प्रधान वतन दे वारिस संस्था) ने मृतका हरबंस कौर की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उसके बेटे सर्बजीत सिंह व बेटी गुरिदरपाल से विचार-विमर्श करके उनके मरणोपरांत नेत्रदान व शरीरदान करने का फैसला लिया, ताकि इन नेत्रों से दो किसी के जीवन में रोशनी आ सके और उनका शरीर मेडिकल विद्यार्थियों की शिक्षा में काम आ सके, ताकि वह पढ़ कर अच्छे डॉक्टर बन सके। शरीर को पुर्नजोत आई बैंक लुधियाना भेजा
पारिवारिक सहमति के बाद उन्होंने नेत्रदान संस्था नवांशहर के महासचिव रतन कुमार जैन के साथ संर्पक किया। इसके बाद संस्था के प्रधान डॉ. जेडी वर्मा की अगुवाई में नेत्रदान संस्था ने पारिवारिक सहमति के बाद मृतका के मरणोपरांत नेत्र प्राप्त किए। इन नेत्रों को पुर्नजोत आई बैंक लुधियाना में भेज दिया गया है, जहां यह नेत्र दो लोगों को एक-एक लगा दिए जाएंगे। मरणोपरांत उनका शरीर उनके परिवारक सदस्यों ने सरकारी मेडीकल कॉलेज अमृतसर के डॉक्टर सरिता को सौंपा। परिवारिक सदस्यों का किया आभार
डॉ. जेडी वर्मा, रतन कुमार जैन, जोगा सिंह साहदड़ा ने समाज सेवा के इस कार्य में महत्वपूर्ण सहयोग देने के लिए सुखवीर सिंह खटकड़ एवं उनके परिवारिक सदस्यों का आभार प्रकट किया। उनके निधन के बाद सांझी रसोई मे ताला लग गया है। इस मौके परिवारिक सदस्यों में सरवजीत सिंह (बेटा), कुलविंदर कौर (बहू), गुरिन्द्रपाल (बेटी), सुखवीर सिंह खटकड़ (दामाद), सिमरनजीत सिंह (पोता), महकप्रीत खटकड़ (दोहती), शमाप्रीत खटकड़ (दोहती), जैसमीन ढिल्लों (पोती), संत जोत प्रकाश सिंह, क्रांतिपाल सिंह, सरपंच केवल सिंह खटकड़ एवं संस्था के सदस्यों जोगा सिंह साहदड़ा, सतीश राजपाल आदि मौजूद थे।