फसलों के लिए अमृत बनी बारिश

By Edited By: Publish:Tue, 02 Sep 2014 07:36 PM (IST) Updated:Tue, 02 Sep 2014 07:36 PM (IST)
फसलों के लिए अमृत बनी बारिश

जागरण संवाददाता, नवांशहर :

बीते सोमवार को जिले में हुई बारिश जहां शहर वासियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है वहीं किसानों के लिए राहत लाई है। क्योंकि किसानों को बिजली की कमी के कारण फसल को पानी देने के लिए मंहगे भाव का डीजल खर्च करना पड़ रहा है। धान की फसल इस समय दाने पड़ने लगे हैं, जिसकी वजह से पानी की बहुत जरूरत होती है। इस संबंध में जिला खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. भजन सिंह का कहना है कि सोमवार को हुई बारिश सभी फसलों के लिए लाभदायक साबित हुई है। जबकि अगस्त महीने में कम बारिश होने के कारण कंडी क्षेत्र के किसानों के पशुओं के लिए चारे की कमी भी खलने लगी थी।

मंगलवार को भी पूरा दिन आसमान पर काले बादल छाए रहे, लेकिन शाम तक बारिश नहीं हुई। खेतीबाड़ी विभाग द्वारा दर्ज किए रिकार्ड अनुसार बीते सोमवार को नवांशहर में 62.3 एमएम और बलाचौर में 32.33 एमएम वारिश हुई है। जिसके कारण शहरों में तो पानी भर जाने कारण आम लोग काफी परेशान हुए थे। इस वारिश से मौसमी फसलें धान, बासमती, गन्ना, मक्की, चरी, बाजरा आदि को काफी फायदा मिलेगा। जिससे किसान की प्रति एकड़ आमदनी बढ़ेगी।

इंस्टूमेंट खराब होने से नहीं मिल पा रही जानकारी

जिले में पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना के अधीन चल रहे कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) लंगड़ोया में बारिश का पमाना मापने के लिए लगाया गया इंस्टूमेंट बीते दिनों से खराब पड़ा है। जबकि इंस्टूमेंट के जरिए ही जिले के किसान बारिश संबंधी जानकारी हासिल कर सकते हैं। हालांकि खेतीबाड़ी विभाग द्वारा भी जिले में दो इंस्टूमेंट लगाए गए हैं। इस संबंध में केवीके के डॉ. युवराज सिंह ने बताया कि इंस्टूमेंट को रिपेयर के लिए लुधियाना यूनिवर्सिटी भेजा गया है, जल्द ही आ जाएगा।

chat bot
आपका साथी