रिश्ता और आध्यात्म का गहरा रिश्ता

रिश्तों में तनाव व्यक्ति को तनाव व अवसाद भरी जिदगी देता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 10:07 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 10:07 PM (IST)
रिश्ता और आध्यात्म का गहरा रिश्ता
रिश्ता और आध्यात्म का गहरा रिश्ता

संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)

रिश्तों में तनाव व्यक्ति को तनाव व अवसाद भरी जिदगी देता है। आज रिश्तों में तनाव आया है इसलिए आज का मानव सुख चैन को खो बैठा है। रिश्तों में मधुरता होती है तो कोई भी मुसीबत आसान हो जाती हैं। रिश्ते कड़वाहट से भर जाते हैं तो महल भी श्मशानवत उदासी देने लगते हैं। यह विचार पंजाब सिंहनी प्रदीप रश्मि जी एसएस जैन सभा के प्रांगण में श्रद्धालुओं से कहें।

उन्होंने कहा रिश्ते और अध्यात्म का गहरा संबंध है। रिश्तो में प्रेम विश्वास आत्ममीयता व पवित्रता की उष्मा से जीवन में सहज ही आध्यात्म का कमल खिलता है। प्रेम, विश्वास, आत्मीयता यह अध्यात्म भाव होते हैं जिनमें गजब की शक्ति होती है। इतिहास गवाह है कि राखी के तारों में गुंथी बहन के पवित्र प्रेम ने दुश्मन व तलवारों को भी झुकाया है। रिश्ते के ये सकारात्मक भाव निर्जीव धागे में भी शक्ति पैदा कर देते है। रक्षाबंधन बहन भाई के स्नेह के रूप में मनाया जाता है। रक्षाबंधन का अर्थ है रक्षा के लिए बंध जाना। सुख दुख में एक दूसरे की रक्षा करना। हर वर्ष यह त्यौहार हमें संदेश देने के लिए आते हैं कि धार्मिक बनने से पहले अपने रिश्तो को बेहतर बनाओ।जो अपने रिश्तो को नहीं सुधार सकता धर्म उसके जीवन को भी कभी नहीं सुधार सकता है। यह त्योहार कहने आया है कि आज रूठे भाई बहन अपने अहंकार को त्याग कर एक-दूसरे को मनाए क्योंकि भाई बहन का रिश्ता कुदरत का दिया हुआ अनमोल तोहफा होता है हमें इसकी हिफाजत करनी चाहिए।

इस अवसर पर एसएस जैन सभा के अध्यक्ष प्रवीण जैन, कोषाध्यक्ष रमेश जैन धरम वीर जैन विहारी लाल जैन दर्शन जैन विजय जैन राजन जैन लाली गगनेजा टेकचंद विजय कुमार श्री सुभाष जैन सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे।

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