एक व्यक्ति मरणोपरांत नेत्रदान से दो लोगों के जीवन को कर सकता है रोशन : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. रंजू सिगला के नेतृत्व में 25 अगस्त से आठ सितंबर तक 37वां नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Aug 2022 05:05 PM (IST) Updated:Thu, 25 Aug 2022 05:05 PM (IST)
एक व्यक्ति मरणोपरांत नेत्रदान से दो लोगों के जीवन को कर सकता है रोशन : सिविल सर्जन
एक व्यक्ति मरणोपरांत नेत्रदान से दो लोगों के जीवन को कर सकता है रोशन : सिविल सर्जन

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब : सिविल सर्जन डा. रंजू सिगला के नेतृत्व में 25 अगस्त से आठ सितंबर तक 37वां नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस संबधी नेत्रदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सहायक सिविल सर्जन डा. प्रभाजीत सिंह शामिल हुए। उन्होंने श्रोताओं को बताया कि इस पखवाड़े का उद्देश्य लोगों को मृत्यु के बाद नेत्रदान के लिए जागरूक करना है। इस पखवाड़े के दौरान, स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारी मरणोपरांत नेत्रदान और नेत्र रोगों, अंधेपन के कारणों और उपचार के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए कार्यक्रम और बैठकें कर रहे हैं। इस मौके पर जिला मास मीडिया इंचार्ज सुखमंदर सिंह बराड़ ने कहा कि नेत्रदान करने वाला एक व्यक्ति दो लोगों को रोशनी दे सकता है। किसी व्यक्ति की आंखें किसी भी उम्र में दान की जा सकती हैं, भले ही आंखों में लेंस, चश्मा लगा हो या फिर आंख का आपरेशन हुआ हो। किसी व्यक्ति की मृत्यु के छह से आठ घंटे के भीतर नेत्रदान किया जा सकता है। नेत्रदान की प्रक्रिया सिर्फ 10 से 15 मिनट में पूरी हो जाती है। उन्होंने कहा कि वह मुक्तसर में नेत्रदान करने आए हैं। इस अवसर पर लाल चंद जिला स्वास्थ्य निरीक्षक ने कहा कि एड्स, काला पीलिया, दिमागी बुखार और रक्त कैंसर के रोगियों की आंखें दान नहीं की जा सकतीं। इस मौके पर श्री तरसेम सिंह बराड़, अभिषेक खुराना, रजत चोपड़ा, गगनदीप कौर आदि मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी