प्रेम ही सबसे उत्तम गहना है : भगत चावला

संसार में सभी पीर, पैगंबरों, गुरू महां पुरूषों ने आपसी भाईचारे और मिलजुल के प्रेम से रहने का उपदेश दिया है। प्रेम एक ऐसा हथियार है जिससे दुश्मन को भी आसानी से जीता जा सकता है। जो व्यक्ति सभी से निस्र्वाथ प्रेम करते है उनको हर जगह सम्मान मिलता है और संसार में उनकी जय जय कार होती है। दुनिया में प्रेम ही सबसे उत्तम गहना होता है। इन विचारों का प्रकटावा संत मंदिर, डेरा संत बाबा बग्गू भगत सांझा दरबार में वीरवार की सत्संग दौरान डेरा सेवा संभाल कमेटी के प्रधान गद्दी नशीन भगत शम्मी चावला ने

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Feb 2019 04:28 PM (IST) Updated:Thu, 14 Feb 2019 04:28 PM (IST)
प्रेम ही सबसे उत्तम गहना है : भगत चावला
प्रेम ही सबसे उत्तम गहना है : भगत चावला

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब

संसार में सभी पीर, पैगंबरों, गुरू महापुरूषों ने आपसी भाईचारे और मिलजुल के प्रेम से रहने का उपदेश दिया है। प्रेम एक ऐसा हथियार है जिससे दुश्मन को भी आसानी से जीता जा सकता है। जो व्यक्ति सभी से निस्र्वाथ प्रेम करते हैं उनको हर जगह सम्मान मिलता है और संसार में उनकी जय जय कार होती है। दुनिया में प्रेम ही सबसे उत्तम गहना होता है। ये विचारसंत मंदिर, डेरा संत बाबा बग्गू भगत सांझा दरबार में वीरवार की सत्संग दौरान डेरा सेवा संभाल कमेटी के प्रधान गद्दी नशीन भगत शम्मी चावला ने संगतों को प्रवचन करते हुए किया।

उन्होंने कहा कि प्रेम एक ऐसी वस्तु है जो दूसरों से बांटने पर बढ़ता है। हम सभी को आपसी भाईचारे और प्रेम प्यार से रहना चाहिए। प्रेम करने वाले व्यक्ति को इसके बदले बेतहाशा प्रेम मिलता है। भगत के पुत्र गगनदीप चावला समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

डेरा कमेटी के चीफ आरगेनाइजर और डेरा श्रद्धालु जगदीश राय ढोसीवाल ने बताया है कि सत्संग की शुरूआत डेरे की प्राचीन समय से चली आ रही मर्यादा अनुसार भगत द्वारा अरदास उपरांत डेरा संस्थापक बृहम लीन संत बाबा बग्गू भगत जी की पवित्र मूर्ति की चरन वंदना करके की गई। श्रद्धालुओं द्वारा शब्द भजन गायन भी किया गया।

उन्होंने कहा कि वीरवार को पीले रंग की खास महत्ता होती है, इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने और पीले रंग की वस्तुओं का दान पुण्य करने से विशेष लाभ मिलता है। भगत ने कहा कि डेरे में आने वाले सभी दुखियारों के परमात्मा दुख दूर करता है, जितनी जिसकी सेवा श्रद्धा होती है उतना ही उसको फल मिलता है। संत बाबा बग्गू भगत जी का भंडारा (लंगर) अटूट वितरित किया गया।

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