पांच वर्ष में आठ बार मांगें टेंडर, लेकिन नहीं शुरु हुआ काम

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल का सपना टूटता नजर आ रहा है। पांच वर्ष बीतने पर भी रेलवे ओवरब्रिज का काम शुरु नहीं हो पाया है। अब तक आठ बार टेंडर मांगे जा चुके हैं। लेकिन टेंडर का काम भी पूरा नहीं हो पाता। उधर रेलवे का ठेकेदार तब तक अपना काम शुरु नहीं करना चाहता जब तक सरकार का काम शुरु नहीं होता। हालांकि उसने अपनी ओर से सब टे¨स्टग कर रखी है। लेकिन सुखबीर बादल के इस सुपने पर अतिक्रमण, रेलवे क्वार्टर, बाउंडरी वाल पीछे कर बनाने समेत अन्य मुश्किलें भारी पड़ रही हैं। गौरतल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Dec 2018 06:53 PM (IST) Updated:Thu, 13 Dec 2018 06:53 PM (IST)
पांच वर्ष में आठ बार मांगें टेंडर, लेकिन नहीं शुरु हुआ काम
पांच वर्ष में आठ बार मांगें टेंडर, लेकिन नहीं शुरु हुआ काम

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल का सपना टूटता नजर आ रहा है। पांच वर्ष बीतने पर भी रेलवे ओवरब्रिज का काम शुरू नहीं हो पाया है। अब तक आठ बार टेंडर मांगे जा चुके हैं लेकिन टेंडर का काम भी पूरा नहीं हो पाता। रेलवे का ठेकेदार तब तक अपना काम शुरू नहीं करना चाहता जब तक सरकार का काम शुरू नहीं होता। हालांकि उसने अपनी ओर से सब टे¨स्टग कर रखी है लेकिन अतिक्रमण, रेलवे क्वार्टर, बाउंड्री वाल पीछे कर बनाने समेत अन्य मुश्किलें भारी पड़ रही हैं।

जलालाबाद रोड पर जाम से बचने के लिए रेलवे क्रा¨सग बी -30 पर रेलवे ओवरब्रिज बनना था। पंजाब सरकार की ओर से पुल की 30 नवंबर 2009 को मंजूरी दी थी और 28 फरवरी 2014 को तत्कालीन उप मुख्य मंत्री सुखबीर ¨सह बादल की ओर से नींव पत्थर रखा गया था। उस समय पुल की लागत 34 करोड़ थी जो अब बढ़कर 38 करोड़ पर पहुंच गई है।

पंजाब सरकार की ओर से रेलवे विभाग को दिसंबर 2016 में 18.25 करोड़ रुपये जमा करवाने के बावजूद अब तक कोई काम शुरू नहीं किया। रेलवे के अफसरों अनुसार पंजाब सरकार की ओर से सांझा सर्टिफिकेट मिलने तक काम शुरू नहीं हो सकता। लोक निर्माण विभाग की ओर से पुल की अपरोचों के लिए दिसंबर 2016 से आज तक 8 बार टैंडर काल किए जा चुके हैं और अब टैंडर 9वीं बार तारीख 27 दिसंबर 2018 के लिए काल किये गए हैं।

पुल की उसारी में देरी के अन्य भी कई कारण हैं। जैसे रेलवे के क्वार्टर, बाउंड्री वाल पीछे हटाकर नई बनानी, बिजली के खंबे, ट्रांसफार्मर साइड करने, सीवरेज लाइनों और टेलीफोन की लाइनों को शिफ्ट करना आदि शामिल है। सबसे मुश्किल सड़क पर दुकानदारों की ओर से किए कब्जे हैं, जिनको हटाए बिना काम शुरू करना असंभव बन चुका है।

जनवरी 2018 में वित्त मंत्री मनप्रीत ¨सह बादल ने पुल के काम के लिए 2 करोड़ रुपए जारी किये थे। कार्यकारी इंजीनियर, (भवन और मार्गशाखा) ने जिला खजाना अफसर को पॉवर कॉरपोरेशन, पब्लिक हेल्थ और बीएसएनएल को बनतीं रकमें ट्रांसफार करने के लिए अगस्त 2018 में लिखा था, परंतु खजाना अफसर ने यह रकमें पास कर ट्रांसफर नहीं की। जिस कारण कोई भी काम शुरू नहीं हो सका।

केंद्र सरकार की ओर से मुक्तसर शहर में बिजली के नवीनीकरन के लिए पोल और सर्विस लाइनें शिफ्ट करने के लिए एपीडीआरबी स्कीम अधीन 50 करोड़ दिए थे, जिस कारण यह काम मुफ्त हो सकता था, परन्तु संबंधित अफसरों की लापरवाही के कारण आरओबी की अलाईनमैंट अधीन आती जगह पर नए खंभे और सर्विस लाइनें डाल दीं। इनसेट

टेंडर जल्द जारी करवाए सरकार

नेशनल कंज्यूमर अवेयरनेस ग्रुप के जिला प्रधान शाम लाल गोयल, महासचिव गो¨बद ¨सह दाबड़ा, सीनियर मीतप्रधान बलदेव ¨सह बेदी, मीत प्रधान भंवर लाल शर्मा, संगठन सचिव जसवंत ¨सह बराड़, खजांची सुभाष चगती और प्रेस सचिव काला ¨सह बेदी ने पंजाब सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि पुल की उसारी के लिए टेंडरों का प्रोसेस का काम पूरा करवा कर पुल की उसारी का वर्क आर्डर जारी किया जाए।

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