सहकारी बैंक के समक्ष दूसरे दिन भी गरजे किसान

भारतीय किसान यूनियन एकता-उग्रांहा की ओर से दूसरे दिन भी सहकारी बैंकों के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया। बैंकों व आढ़तियों के खिलाफ चल रहे इस संघर्ष के तहत बुधवार को भी किसानों ने राज्य सरकार व बैंकों के खिलाफ नारेबाजी की। ये धरना प्रदर्शन किसानों की ओर से कर्ज लेते समय लिए बैंक को दिए गए चेक वापस लेने समेत अन्य मांगों को लेकर चल रहा है। प्रदर्शनकारी किसानों ने

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Jan 2019 05:24 PM (IST) Updated:Wed, 02 Jan 2019 05:24 PM (IST)
सहकारी बैंक के समक्ष दूसरे दिन भी गरजे किसान
सहकारी बैंक के समक्ष दूसरे दिन भी गरजे किसान

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब : भारतीय किसान यूनियन एकता उगाराहां की ओर से दूसरे दिन भी सहकारी बैंकों के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया। बैंकों व आढ़तियों के खिलाफ चल रहे इस संघर्ष के तहत बुधवार को भी किसानों ने राज्य सरकार व बैंकों के खिलाफ नारेबाजी की। धरना प्रदर्शन किसानों की ओर से कर्ज लेते समय बैंक को दिए गए चेक वापस लेने समेत अन्य मांगों को लेकर चल रहा है। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि बैंक और सूदखोर आढ़तियों से किसानों के लिए गले की फांस बने चेक वापस लेने की मांग को लेकर ये संघर्ष चलाया गया है। बैंकों व आढ़तियों के पास किसानों के चेक व प्रनोट पड़े हैं। बैंक यह चेक खुद ही भरकर बाउंस करवा देता है और बाद में किसानों को 420 के झूठे केस में फंसा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पांच एकड़ वाले किसानों के कर्ज पूरी तरह से माफ करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक भी किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ है। बैंकों की ओर से रखे गए चेक भी गैर कानूनी हैं। किसानों ने कर्ज के कारण खुदकशी करने वाले किसानों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा, एक सदस्य को नौकरी, डॉ. स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, दो लाख लागत व 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर जिन्स का मोल देने, कृषि औजार पर जीएसटी खत्म करने, धान की पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज मामले रद करने, बेरोजगारों को रोजगार देने, लावारिस पशुओं का पक्का हल करने, खेती मोटर के लिए दिन के समय बिजली आठ घंटे देने, किसानों को जमीनी मालिकी हक देने, निजी व जनतक कानून 2016 रद करने, यूरिया की कमी पूरी करने और यूरिया के साथ अन्य सामान देना बंद करने की मांग की। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष पूरन ¨सह दोदा, गुरभगत ¨सह भलाईआणा, गुरां दित्ता ¨सह भागसर, हरबंस ¨सह कोटली, गुरपाश ¨सह ¨सघेवाला, मलकीत ¨सह, जो¨गदर ¨सह, मेजर ¨सह, सुखराज ¨सह, मेवा ¨सह, मलकीत ¨सह, नछतर ¨सह, हर¨वदर ¨सह, जलंधर ¨सह, हरफूल ¨सह, नैब ¨सह, मनोहर ¨सह, राजा ¨सह आदि मौजूद थे।

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