गुरु की वातों पर अमल करने पर जीवन में आती है खुशी : स्वामी बुआ दित्ता

पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव (गुरूपर्व) गांधी नगर स्थित डेरा संत बाबा बग्गू भगत सांझा दरबार संत मंदिर में बनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 02:57 PM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 03:46 PM (IST)
गुरु की वातों पर अमल करने पर जीवन में आती है खुशी : स्वामी बुआ दित्ता
गुरु की वातों पर अमल करने पर जीवन में आती है खुशी : स्वामी बुआ दित्ता

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब : पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव (गुरूपर्व) गांधी नगर स्थित डेरा संत बाबा बग्गू भगत सांझा दरबार संत मंदिर में बनाया गया। डेरा गद्दीनशीन भगत शम्मी चावला की देखरेख में आयोजित धार्मिक समारोह के दौरान डेरे के श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस समय डेरे को रंग बिरंगे गुब्बारों, फूलों की लडिय़ों और बिजली लाइटों से सजाया गया था। समागम से सबसे पहले भगत ने अरदास की और डेरा संस्थापक ब्रह्मलीन संत बाबा बग्गू भगत जी की चरनवंदना करके आशीर्वाद लिया।

समागम के दौरान प्रसिद्ध कथा वाचक स्वामी बुआ दित्ता जम्मू वाले ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक की बाणी पूरे संसार के लिए मार्ग दर्शक का कार्य करती हैं। यह बाणी अटल और अमर है सह सभी को इस पर अमल करना चाहिए और इस मुताबक ही अपना जीवन बतीत करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि गुरुओं, पीरों, पैगंबरों और महांपुरुषों की बातों पर अमल करने वाले व्यक्तियों के परिवारों में हमेशा खुशी रहती है और कभी किसी चीज की कमी नहीं होती। हर व्यक्ति को अपने-अपने इष्ट की पूजा करनी चाहिए। क्योंकि गुरु ही हमें जीवन जीना सिखाते हैं। डेरा कमेटी के चीफ आर्गेनाइजर जगदीश राय ढोसीवाल ने बताया है कि यह गुरुपर्व समागम लगातार पिछले पाच दिनों से चलाए जा रहे थे, जिसमें हर रोज श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। अंत में समारोह की समाप्ती के उपरांत सेवादारों ने संगत को लंगर वितरित करने की सेवा निभाई गई।

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