बाबा सोनी का त्यागपत्र एक चाल : खालसा

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब सिख विरसा काउंसिल तथा बाबा सोनी में पिछले करीब दो माह से चल रहा वि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Jul 2017 07:22 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jul 2017 07:22 PM (IST)
बाबा सोनी का त्यागपत्र एक चाल : खालसा
बाबा सोनी का त्यागपत्र एक चाल : खालसा

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब

सिख विरसा काउंसिल तथा बाबा सोनी में पिछले करीब दो माह से चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिन पहले गुरप्रीत ¨सह सोनी बाबा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दो माह में हुए विवादों पर माफी मांगते हुए विश्व ¨हदू परिषद के जिला प्रभारी पद से त्यागपत्र देने की घोषणा की थी। उसका कहना था कि जबसे सिख विरसा काउंसिल से विवाद बढ़ा है, तबसे डेरे में लंगर चलाना भी मुश्किल हो गया है। शहरों तथा गांवों में लोग विरोध के चलते लंगर के लिए दान भी नहीं दे रहे।

दूसरी ओर शनिवार को सिख विरसा काउंसिल के प्रबंधकों द्वारा मलोट रोड स्थित अपने दफ्तर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बाबा का विहिप से त्यागपत्र देना तथा माफी मांगना एक ढोंग व सोची समझी चाल है। लोगों ने उसकी असलियत जानने के बाद उसे दान देना बंद कर दिया है। अपना डेरा बंद होता देखकर उसने यह चाल चली है।

काउंसिल के अध्यक्ष जसवीर ¨सह खालसा ने कहा कि 18 जुलाई को त्यागपत्र देने की घोषणा से पहले बाबा सोनी ने जालंधर के देवी तालाब मंदिर में विहिप की 16 जुलाई को हुई बैठक में हिस्सा लिया था। किसी रणनीति के तहत ही उसने यह कदम उठाया है। उसने त्यागपत्र का यह ड्रामा महज अपनी दुकानदारी बचाने के लिए ही किया है। शहर में पिछले दिनों बच्चों के हाथ में हथियार पकड़ाकर भड़काऊ मार्च निकालना, जिससे उसका सियासी मकसद जगजाहिर हो गया कि वह लंगर वाला बाबा नहीं, बल्कि धर्म की आड़ में सियासी रोटियां सेंकना चाहता है। एक ओर सिख विरसा काउंसिल के सदस्यों से जान का खतरा बताकर प्रशासन को शिकायतें कर रहा है तो दूसरी ओर माफी मांग कर संगत को गुमराह कर रहा है।

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