आरटीआइ एक्टिविस्ट सुरेश सूद ब्लैकमेलिग के आरोप में गिरफ्तार

। आरटीआइ एक्टिविस्ट सुरेश सूद को थाना साउथ सिटी की पुलिस ने नगर निगम के बिल्डिंग इंस्पेक्टर से उसके खिलाफ झूठी शिकायत करने की धमकी देकर 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Jun 2022 11:17 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jun 2022 11:17 PM (IST)
आरटीआइ एक्टिविस्ट सुरेश सूद 
ब्लैकमेलिग के आरोप में गिरफ्तार
आरटीआइ एक्टिविस्ट सुरेश सूद ब्लैकमेलिग के आरोप में गिरफ्तार

जागरण संवाददाता.मोगा

आरटीआइ एक्टिविस्ट सुरेश सूद को थाना साउथ सिटी की पुलिस ने नगर निगम के बिल्डिंग इंस्पेक्टर से उसके खिलाफ झूठी शिकायत करने की धमकी देकर 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। बिल्डिग इंस्पेक्टर ने रिश्वत के रूप में जो नोट देने थे, उसके नंबर पहले ही पुलिस को बता दिए थे, बाद में सादी वर्दी में तैनात पुलिस कर्मचारियों ने रिश्वत की राशि लेते ही रंगे हाथ गिरफ्तार कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया। यह है मामला

नगर निगम के बिल्डिंग इंस्पेक्टर तरनपाल ने निगम कमिश्नर को शिकायत की थी कि उन्हें एक आरटीआइ एक्टिविस्ट लगातार झूठी शिकायतें देकर ब्लैकमेल कर उनके धनराशि ऐंठ रहा है। बिल्डिग इंस्पेक्टर ने बताया कि वह गलत नहीं है, लेकिन शिकायत होने पर मानसिक रूप से परेशान हो जाती है, इससे बचने के लिए उसने कुछ राशि आरटीआइ एक्टिविस्ट को दे दी। लेकिन बाद में ये हर महीने का खेल बन गया, समय पर राशि न पहुंचाने पर आरटीआइ एक्टिविस्ट एक नई शिकायत कर देता था, इससे परेशान होकर वह आत्महत्या करने जैसी स्थिति में पहुंच गया है। बिल्डिंग इंस्पेक्टर ने अपनी शिकायत के पक्ष में कुछ सुबूत भी निगम कमिश्नर को दिखाए। निगम कमिश्नर अमरप्रीत कौर ने सच्चाई सामने आने के बाद उन्होंने एसएसपी से इस संबंध में बात की। अधिकारियों ने मिलकर तैयार की थी योजना

इसके साथ ही आरटीआइ इंस्पेक्टर को रंग हाथ पकड़ने की योजना तैयार की गई। इस योजना के तहत बिल्डिंग इंस्पेक्टर ने आरटीआइ एक्टिविस्ट से 30 हजार रुपये की राशि देने की बात तय कर ली। जो नोट आरटीआइ एक्टिविस्ट को देन थे, उनके नंबर पहले ही थाना साउथ सिटी में दर्ज करवा दिए थे। थाना साउथ सिटी पुलिस की एक टीम सादी वर्दी में बिल्डिंग इंस्पेक्टर के साथ विश्वकर्मा चौक पर पहुंची जहां ये राशि आरटीआइ एक्टिविस्ट को दी जानी थी। जैसे ही आरटीआइ एक्टिविस्ट ने 30 हजार रुपये की राशि ले ली, उसके तत्काल बाद पहले से ही सिविल ड्रेस में तैनात पुलिस कर्मचारियों ने सुरेश सूद को हिरासत में ले लिया और थाना साउथ सिटी लेकर आ गए। नोटों पर थे नंबर दर्ज

थाने में आरटीआइ एक्टिविस्ट से बिल्डिंग इंस्पेक्टर से ली गई राशि बरामद हो गई, उस राशि के नोटों पर वही नंबर अंकित थे जो थाना साउथ सिटी पुलिस में पहले से ही दर्ज थे। राशि बरामद करने के बाद जब सुरेश सूद से पूछताछ शुरू हुई तो पहले तो सुरेश सूद मना करते रहे। कहते रहे कि उन्होंने निगम के कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी, उसी रंजिश के चलते बदले की भावना से उन्हें गलत ढंग से फंसाया गया है, लेकिन जब थाने में पहले से दर्ज नोटों के नंबर का मिलान किया गया तो सुरेश सूद को निरुत्तर होना पड़ा। सुरेश सूद सरकारी मुलाजिम नहीं थे, यही वजह थी कि ये मामला सिविल पुलिस ने अपने हाथों में लिया, विजिलेंस ब्यूरो को नहीं दिया गया।

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