देवीदास चेरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में किया हवन

देवीदास केवल कृष्ण चेरिटेबल ट्रस्ट में अध्यात्म सत्यार्थ सत्संग बड़ी श्रद्धा के साथ किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 Jan 2022 05:21 PM (IST) Updated:Fri, 28 Jan 2022 05:21 PM (IST)
देवीदास चेरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में किया हवन
देवीदास चेरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में किया हवन

संवाद सहयोगी, मोगा : देवीदास केवल कृष्ण चेरिटेबल ट्रस्ट में अध्यात्म सत्यार्थ सत्संग बड़ी श्रद्धा के साथ किया गया। इसमें सुनील कुमार शास्त्री ने हवन संपन्न करवाया। हवन की मुख्य यजमान इंदु पुरी ने बताया कि हमें दैवीय मन से काम लेना चाहिए। सुनील कुमार शास्त्री ने कहा कि यदि कोई सीखने की इच्छा रखता हो तो वह अपनी गलतियों से भी सीख सकता है। मनुष्य अल्पज्ञ और अल्प शक्तिमान है। वह अल्पज्ञ और अल्प शक्तिमान होने के कारण कभी न कभी कुछ न कुछ छोटी बड़ी गलतियां तो करता ही है। इसलिए यदि किसी व्यक्ति से कोई गलती हो जाए तो यह कोई असंभव बात नहीं है, कोई आश्चर्य की बात भी नहीं है। यह तो स्वाभाविक है। परंतु अपनी गलती को स्वीकार न करना, उसका सुधार न करना, सिखाने वाले या गलती सुधारने वाले को ही मूर्ख समझना यह मनुष्यता नहीं है। वैदिक शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि जिसके पास माता पिता और आचार्य, यह तीन शिक्षक उत्तम होते हैं वह व्यक्ति बड़ा भाग्यशाली है। वह बुद्धिमान बनता है। सज्जन बनता है। धार्मिक सदाचारी बनता है। देशभक्त ईश्वर भक्त और परोपकारी बनता है। उसका जीवन सफल हो जाता है। सुनील शास्त्री ने कहा कि हर समय (24 घंटे) तो माता-पिता एवं आचार्य साथ में नहीं रहते। जब इन तीनों में से कोई एक भी साथ में हो, तो वह आपकी गलती देखकर आपको बता सकता है, कि ऐसा नहीं करना चाहिए, और ऐसा करना चाहिए। अनेक बार काम करने से पहले, पूर्व सावधानी के रूप में भी माता-पिता और आचार्य बच्चों तथा विद्यार्थियों को समझाते रहते हैं कि ऐसा काम नहीं करना यह गलत है और ऐसा कर लेना, यह ठीक है। इस प्रकार से वे आपकी क्रियाओं को देखते हैं या किसी प्रकार से जान लेते हैं अथवा पूर्व सावधानी के रूप में भी, वे आपकी त्रुटियां भूलें दूर करते हैं। आप को अच्छी शिक्षाएं देते रहते हैं।

chat bot
आपका साथी