विवादो में बार एसोसिएशन चुनाव

सदस्यों की नियुक्ति पर 60 अधिवक्ताओं ने जताई आपत्ति तीन सदस्यीय कमेटी ने शुरू की जांच फोटो-60

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Mar 2020 10:44 PM (IST) Updated:Sun, 08 Mar 2020 06:15 AM (IST)
विवादो में बार एसोसिएशन चुनाव
विवादो में बार एसोसिएशन चुनाव

जागरण संवाददाता, मोगा : जिला बार एसोसिएशन के अप्रैल माह में प्रस्तावित चुनाव को लेकर पहले ही चरण में सदस्यता व रिटर्निंग अफसर (चुनाव अधिकारी) को लेकर विवाद शुरू हो गया है। मामले के तूल पकड़ने के बाद बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। शुक्रवार को दोनों पक्षों के अधिवक्ता चंडीगढ़ में काउंसिल की तीन सदस्यीय जांच समिति के समक्ष पेश हुए थे। समिति ने दोनों पक्षों को इस मामले में दोबारा आठ मार्च को बुलाया है।

जिला बार एसोसिएशन के अप्रैल में होने वाले चुनाव के लिए पिछले दिनों एडवोकेट केके मित्तल को चुनाव अधिकारी बनाया गया था। इसके साथ ही सदस्यता अभियान के अंतिम दिन 45 अधिवक्ताओं को सदस्य बनाया गया था। जिला बार एसोसिएशशन से संबंधित 60 से ज्यादा अधिवक्ताओं ने बार काउंसिल को रिप्रेजेंटेशन देकर चुनाव अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया पर आपत्ति उठाई थी और कहा गया है कि नियुक्ति जनरल हाउस में करने की बजाय मनमाने ढंग से की गई है। साथ ही अंतिम दिन 45 अधिवक्ताओं को नया सदस्य बनाने पर भी आपत्ति उठी थी कि एक ही दिन में वह भी अंतिम दिन में इतनी बड़ी संख्या में सदस्यता कैसे हो गई। आरोप है कि नियमों के खिलाफ जाकर निजी हित में नॉन प्रेक्टिसिग वकीलों को सदस्य बनाया गया है। ये आरोप जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजीत सिंह धालीवाल पर लगाए गए थे, जबकि नॉन प्रेक्टिसिग वकील, प्रेक्टिस करने वाले वकीलों की समस्या ही नहीं जानते, ऐसे में उन्हें एसोसिएशन का सदस्य बनाने का कोई औचित्य नहीं है। इसके साथ ही हाईकोर्ट के उस नियम का भी हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि सदस्यता के लिए वही अधिवक्ता वैध होगा जो साल में कम से कम आठ बार विभिन्न मामलों में पेश हुआ हो।

इस मामले की जांच के लिए बार ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाकर दोनों पक्षों को बुलाया गया था। कमेटी ने आपत्ति उठाने वाले अधिवक्ताओं विनीत जैदका, अजय गुलाटी आदि से कहा गया कि अगर उन्हें किसी सदस्य पर आपत्ति है तो वे उसका रिकॉर्ड उनके सामने पेश करें। इस पर आपत्ति उठाने वाले अधिवक्ताओं ने दलील दी कि जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उन्हें वोटर सूची ही नहीं दे रहे हैं। इस पर कमेटी ने फैसला दिया था कि एसोसिएशन आपत्ति करने वाले अधिवक्ताओं को वोटर सूची उपलब्ध कराए, इन आदेशों के साथ दोनों पक्षों को दोबारा आठ मार्च को बुलाया है।

सभी आरोप बेबुनियाद : धालीवाल

इस मामले में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजीत सिंह धालीवाल का कहना है कि आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। इस मामले में आठ मार्च की तारीख कमेटी ने दी है, वे अपने तथ्य कमेटी के सामने पेश कर देंगे, कुछ भी गलत नहीं हुआ है।

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