भौतिक सुख को छोड़ कर भक्ति रूपी धन एकत्र करना चाहिए: निराले बाबा

संवाद सहयोगी, मोगा : स्थानीय जैन मंदिर गली में जारी कथा में आचार्य प्रवर दिव्यानंद सुरिश्वर मह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Jan 2018 05:12 PM (IST) Updated:Wed, 17 Jan 2018 05:12 PM (IST)
भौतिक सुख को छोड़ कर भक्ति रूपी धन एकत्र करना चाहिए: निराले बाबा
भौतिक सुख को छोड़ कर भक्ति रूपी धन एकत्र करना चाहिए: निराले बाबा

संवाद सहयोगी, मोगा :

स्थानीय जैन मंदिर गली में जारी कथा में आचार्य प्रवर दिव्यानंद सुरिश्वर महाराज (निराले बाबा) ने प्रवचनों की रसधारा को बहाते हुए कहा कि यदि किसी ने भक्ति रूपी धन को एकत्र किया है तो वह कभी भी कंगाल नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि भौतिक सुख को छोड़ कर भक्ति रूपी धन ही एकत्र करना चाहिए, मीरा बाई जैसे अनेकों भक्तों ने भौतिक धन को छोड़ कर भक्ति रूपी धन को प्राप्त किया। संसारी धन हो सकता है चोरी हो जाए या फिर समाप्त हो जाए लेकिन भक्ति रूपी धन ऐसा धन है यह न तो कभी समाप्त होता है और न ही इसे कोई लूट सकता है। यह तो बढ़ता ही जाता है। यदि परमात्मा को देखना है तो एक मात्र साधन यह मानव शरीर ही है। आज इंसान इस माया की दल-दल में फंसकर ऐसे मौके गवां कर अपने भाग्य को दुर्भाग्य में बदलता जा रहा है। इस जीवन को सफल बनाने के लिए हमें जरूरत है एक पूर्ण संत के चरणों में जाकर नतमस्तक होने की। एक गुरु ही इंसान को इस माया के चक्कर से बाहर निकलने का रास्ता दिखा सकता है। गुरु की कृपा से मानव जो कि माया की ¨नद्रा के आगोश में सो रहा है जब उसकी नींद टूटती है तो वह अपने भूले रास्ते भक्ति मार्ग पर पुन अग्रसर हो जाता है। इस अवसर पर कृष्ण गोपाल गोयल, विमल गोयल, बलदेव कृष्ण, नीरज, र¨वद्र, देव राज नंदा, कमल ¨सगला, सूरज मितल, कमल शर्मा, नितिन जैन, समीर जैन, सु¨रदर गोयल, राम तायल, दीपक कौशिक, गौरव जैन, ़खुशी, निधि, दिया, हरि ओम मितल, रेनू, सोनिया, अनिता, इंदु, शशी, निर्मला, सुखदेव दास, सायरा, गीतू, मीनाक्षी, प्रभा, खुशप्रीत के अलावा अन्य उपस्थित थे।

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