बजट से व्यापारी वर्ग नाखुश

प्रवीन शर्मा, मोगा देश के वित्तमंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को एनडीए सरकार का पहला आम बजट पेश किया

By Edited By: Publish:Sun, 01 Mar 2015 01:01 AM (IST) Updated:Sun, 01 Mar 2015 01:01 AM (IST)
बजट से व्यापारी वर्ग नाखुश

प्रवीन शर्मा, मोगा

देश के वित्तमंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को एनडीए सरकार का पहला आम बजट पेश किया। उन्होंने अपनी नौ महीने पुरानी सरकार की उपलब्धियों समेत हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की, लेकिन मोगा के ज्यादातर लोग वित्तमंत्री द्वारा सांसद में पेश किए आम बजट से नाराज नजर आ रहे थे। छात्र इस बजट से खुश नजर आए।

गोयल एंड गोयल के मालिक विपन गोयल ने बताया कि वित्तमंत्री अरूण जेटली द्वारा शनिवार को सांसद में पेश किए आम बजट से व्यापारी वर्ग को निराशा हाथ लगी है। व्यापारी वर्ग तो पहले से ही 12 प्रतिशत सर्विस टैक्स से दुखी था। ऊपर से बजट में दो प्रतिशत सर्विस टैक्स बढ़ाकर इलेक्ट्रॉनिक सामान के रेट बढ़ जाएंगे। इससे उनका कामकाज ठप हो जाएगा।

दवा विक्रेता ध्रमेश ग्रोवर जेड ने पंजाब में एम्स मेडिकल खोलने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि दवा सस्ती करके गरीब वर्ग के लोगों को राहत प्रदान करनी चाहिए थी।

ओंमकार इंडस्ट्री के मालिक प्यारा सिंह ने कहा कि देश की सरकार व वित्तमंत्री ने आम बजट में इंडस्ट्री पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उनका कहना है कि विदेशी इंडस्ट्री को भारत में आने का न्यौता दिया जा रहा है। जबकि देश की इंडस्ट्री जो बंद होने के कगार पर है। उसे आत्मनिर्भर बनाने पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए था।

बीसीए के छात्र जगदीप कुमार का कहना है कि सरकार ने बजट में शिक्षा लोन को बल देकर छात्रों में नई उर्जा का संचार किया है। उसका कहना है कि पढ़ने वाले बच्चों को सस्ती शिक्षा प्रदान करनी चाहिए थी।

चांद एनसीवीटी आइटीआइ इंस्टीट्यूट ऑफ ब्यूटी एंड हेयर डिजाइन की एमडी रमण सिंगला ने कहा कि आम बजट में वित्तमंत्री ने महिलाओं के इस बिजनेस को अनदेखा करते हुए ब्यूटी पार्लर में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रोडक्ट महंगे करने से उनके कामकाज पर असर पड़ेगा।

बलदेव क्लीनिक की डॉ. स्नेह अरोड़ा का कहना है कि सरकार को मेडिकल सेवाओं में सुधार करने की जरूरत थी। वित्तमंत्री ने अपने बजट में इसको अनदेखा किया है। बजट में पंजाब को एम्स का सौगात देना स्वागत योग्य है।

यूनियन बैंक कर्मी बिंदू मोंगा ने कहा कि सरकार ने बजट में बैंक कर्मियों के लिए कोई सुविधा नहीं दी है। जबकि बैंक कर्मी पहले से ही संघर्ष करने को मजबूर हैं। ऐसे में सरकार ने देश के बैंक कर्मियों के बारे में कुछ नहीं सोचा। इससे उनको बजट से निराशा हाथ लगी है।

घरेलू महिला आशा बांसल ने कहा कि घर की रसोई के बजट में कोई खास सुविधा नहीं दी है। जबकि उनकी घर की रसोई का बजट पहले से ही खराब है। उनको उम्मीद थी कि बजट में घरेलू महिलाओं को रसोई में कुछ सेविंग का मौका मिलेगा। बजट पेश होने के बाद घरेलू महिलाओं को निराशा हाथ लगी है।

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