गांव तामकोट में नशे के खिलाफ रात को खुद पहरा देती हैं गांव की महिलाएं

अमरजीत माखा, मानसा: गांव तामकोट की महिलाओं ने नशे खिलाफ अभियान चला कर गांव के लोगों को नशे के खिलाफ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Feb 2018 07:52 PM (IST) Updated:Fri, 02 Feb 2018 07:52 PM (IST)
गांव तामकोट में नशे के खिलाफ रात को खुद पहरा देती हैं गांव की महिलाएं
गांव तामकोट में नशे के खिलाफ रात को खुद पहरा देती हैं गांव की महिलाएं

अमरजीत माखा, मानसा: गांव तामकोट की महिलाओं ने नशे खिलाफ अभियान चला कर गांव के लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करने के मकसद से रात को गांव में खुद पहरा दे रहीं हैं।

वामपंथी गढ़ के तौर पर जाने जाते गांव तामकोट में गांव की महिलाएं एकत्रित होकर नशे के खिलाफ गांव में रैलियां कर रहीं हैं।

बता दें कि, महिलाओं की ओर से गांव में पहरा देने का सिलसिला बीते 24 जनवरी से शुरू हुआ है। यह महिलाएं युवाओं को जागरूक कर रही हैं, साथ ही गांव में नशे के खिलाफ लोगों को लामबंद करने के लिए प्रयत्‍‌नशील हैं। रैली को संबोधित करते हुए बेअंत कौर ने कहा कि नौजवानों को नशे की दलदल में फंसने की बजाय अपने हकों प्रति एकजुट होना चाहिए। महिलाओं ने 'नशे ¨पड च वड़न नी देने ते मावां दे पुत्त मरन नी देने' के नारे से नशा बेचने वालों पर भी नजर रख रहीं हैं। साथ ही चेतावनी भी दी जा रही है कि वह उनके गांव में नशे बेचने बंद कर दें। नहीं तो वह कड़ा रुख अपनाएंगी। महिलाओं के इस प्रयास की सराहना करते समाजसेवी जत्थेबंदियों के नेताओं ने कहा है कि आज के समय की मुख्य जरूरत नौजवानों को नशे से रोकना है। गांव तामकोट की महिलाओं की ओर से बेधड़क हो कर रात समय पहरा लगा कर गांव की चौकीदारी की जाती है। आज की सरकारों को महिलाओं के इस प्रयास की सराहना करते हुए इससे सबक लेना चाहिए। महिलाओं की मदद के लिए महिला पुलिस की सहायता प्रदान करनी चाहिए। जिससे महिलाओं में और उत्साह बढ़े तथा अन्य महिलाएं भी नशे के खिलाफ संघर्ष में जुड़ने का हौसला करें। इस मौके पर हरबंस कौर, करमजीत कौर, गुरमीत कौर, सरबजीत कौर आदि बड़ी संख्या में महिलाए मौजूद थीं।

सरपंच रणजीत ¨सह गांव के सरपंच रणजीत ¨सह ने बताया 2143 वोटरों की आबादी वाले गांव में 1016 महिलाएं हैं, जिनकी तरफ से गांव में नशे को खत्म करने के लिए रात को पहरा दिया जाता है और दिन के समय घर-घर जा कर नौजवानों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की ओर से मेडिकल स्टोरों तथा दुकानदारों पर नशा बेचने से बिल्कुल रोक लगा लगा दी गई है। गांव के बीच शराब का ठेका भी नहीं खुलने दिया। गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान चरनजीत ¨सह मोमी ने बताया कि गांव में नशे के खात्मे के लिए एक सर्व सांझी मी¨टग करके महिलाओं को एकजुट किया गया और फिर गांव की महिलाओं की ओर से नशे के खात्मे के लिए एक मुहिम चलाई गई। गुरुद्वारा के अध्यक्ष ने महिलाओं के इस पहल की सराहना की व कहा कि हर गांव में नशे के खात्मे के लिए महिलाओं को उद्यम करने की जरूरत है।

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