कथा सत्संग सुन परमात्मा को पा सकते हैं : सुरेश शास्त्री

श्री महालक्ष्मी नारायण बैकुंठ धाम श्री महाकालेश्वर मंदिर भीखी में श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन पिछले तीन दिन से लगातार जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Nov 2020 11:18 PM (IST) Updated:Fri, 20 Nov 2020 11:18 PM (IST)
कथा सत्संग सुन परमात्मा को पा सकते हैं : सुरेश शास्त्री
कथा सत्संग सुन परमात्मा को पा सकते हैं : सुरेश शास्त्री

संवाद सूत्र, भीखी : श्री महालक्ष्मी नारायण बैकुंठ धाम श्री महाकालेश्वर मंदिर भीखी में श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन पिछले तीन दिन से लगातार जारी है। कथा प्रवचन करने के लिए वृंदावन से सुरेश शास्त्री रोजाना प्रभु भक्तों को भागवत कथा सुनाते हैं। कथा का प्रवचन करते हुए आचार्य श्री शास्त्री ने कहा कि मनुष्य का परमात्मा से मिलने का एक ही जरिया है कि वह कथा सत्संग सुना करें और परमात्मा का ध्यान कर उसका स्मरण करें जिससे मनुष्य प्राण परमात्मा की प्राप्ति कर लेता है। उन्होंने सभी प्रभु प्रेमी भक्तों से निवेदन करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग कथा प्रवचन सुनने के लिए मंदिर में प्रतिदिन पहुंचे।

संस्कारों से जीव की गर्भ शुद्धि होती है : पंडित नवराज शास्त्री

नामकरण संस्कार अति आवश्यक है। जैसे स्नान करने से हमारे शरीर की शुद्धि होती है, वैसे ही संस्कारों से जीव की गर्भ शुद्धि होती है। सनातन धर्म में सोलह संस्कार बतलाए गए हैं। पुत्र के जन्म मात्र से सुख की प्राप्ति नहीं होती, अपितु पुत्र लायक हो तो ही सुख मिलता है। सत्पुत्र ही सुख देता है। पुत्र लायक न हो तो अधिक त्रास देता है। जब बालक माता के गर्भ में आ जाए तब से ही उसे अच्छे संस्कार देने चाहिए। उक्त विचार पंडित नवराज शास्त्री जी ने शहर के रमन सिनेमा रोड स्थित जय मां मंदिर में कार्तिक महात्म्य की पवित्र कथा दौरान अपनी मधुर वाणी से ज्ञान रूपी अमृत वर्षा करते हुए व्यक्त किए। इससे पहले पंडित नवराज शास्त्री जी ने 'मेरे बांके बिहारी लाल, गोपाल, मन रखियो अपने चरनण में' व 'रे मन चल वृंदावन धाम, जपे जा राधे-राधे' की ध्वनि लगाकर भक्तों को निहाल किया। शास्त्री जी ने कहा कि लोग पानी को भी छान कर पीते हैं। दूध, घी व तले को भी छाने बिना लोग प्रयोग नहीं करते, उनका सफाई संस्कार पूर्ण कर लेने पर ही उनका उपयोग करते हैं। इसी प्रकार संस्कारों से मानव शरीर की शुद्धि होती है।

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