जिला शिक्षा अधिकारियों से अध्यापकों के तबादले के अधिकारी छिने

शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए नए फैसले ने जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) में बेचैनी का माहौल पैदा कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 May 2022 01:32 AM (IST) Updated:Wed, 18 May 2022 01:32 AM (IST)
जिला शिक्षा अधिकारियों से अध्यापकों के तबादले के अधिकारी छिने
जिला शिक्षा अधिकारियों से अध्यापकों के तबादले के अधिकारी छिने

प्यारा लाल मानसा

शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए नए फैसले ने जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) में बेचैनी का माहौल पैदा कर दिया है। नए फरमान के अनुसार डीईओ को अपने स्तर पर प्रबंधकीय आधार पर तबादले न करने संबंधी पत्र भेजा गया है। इससे पहले अकसर जिलों में स्कूल स्तर पर कोई समस्या आने पर तुरंत प्रभाव से शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर फैसले लेकर अध्यापक का तबादला कर देते थे या अस्थाई प्रबंध कर समस्या का हल कर देते थे, लेकिन इस पत्र के बाद विवाद हल नहीं होंगे।

दरअसल, डायरेक्टर शिक्षा विभाग पंजाब ने जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उनके द्वारा अध्यापकों के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने के उपरांत अपने स्तर पर सिर्फ प्रबंधकीय आधार पर तबादला या अस्थाई प्रबंध कर दिया जाता है। मामला गंभीर होने के बावजूद भी संबंधित के विरुद्ध पंजाब सिविल सेवाएं सजा या अपील रूल्ज 1970 के नियम अनुसार कार्रवाई नहीं की जाती। न ही मामले को मुख्य दफ्तर के ध्यान में लाया जाता है। इस संबंध में विभाग द्वारा गंभीर नोटिस लेते हुए कड़ी हिदायत की गई कि भविष्य में किसी भी अध्यापक का तबादला प्रबंधकीय आधार या अस्थाई प्रबंध अपने स्तर पर न किया जाए। गंभीर हालत पैदा होने पर अगर किसी अध्यापक का प्रबंधकीय आधार पर तबादला या अस्थाई प्रबंध करना पड़ जाए, तो इस तरह की कार्रवाई की सूचना मुख्य दफ्तर को मेल के जरिए दी जाए।

गौरतलब है कि जिले के शिक्षा अधिकारी प्राइमरी अध्यापकों की अपोइंटिंग अथारिटी होते हैं, जिसके कारण स्थानीय प्रबंध में होने वाली मुश्किल के बारे में उन्हें अधिक जानकारी होती है। इसके अलावा ऐसे बहुत से मसले होते हैं, जिनको वह अपनी सूझबूझ से हल कर सकते हैं। इस पत्र ने अपाइंटिग आथारटी की जिम्मेदारी को भी शक के अधार पर लाकर खड़ा कर दिया है। डीटीएफ ने की आदेश वापस लेने की मांग

इस संबंध में डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) के प्रदेश प्रधान दिग्विजयपाल शर्मा ने कहा कि उच्च अधिकारियों के इस तरह के पत्र आने से डर व दहशत का माहौल पैदा होगा। इस पत्र से जहां शक्तियों का केंद्रीयकरण का रास्ता अपनाया गया है। वहीं अध्यापकों व जिला शिक्षा अधिकारियों के आपसी रिश्ते व सहयोग पर चोट मारी गई है। उन्होंने मांग की कि इस पत्र को तुरंत वापस लेकर प्राइमरी अध्यापकों की अपाइंटिग आथारटी यानि जिला शिक्षा अफसर को ही जिला स्तर पर होने वाले विभिन्न विवादों का निपटारा करने के अधिकार दिए जाए।

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