Under-19 Women Cricket : लुधियाना की आकांक्षा ने 219 रन की पारी खेल बनाया रिकार्ड, 31 चौके; तीन छक्के लगाए
लुधियाना की प्रतिभाशाली क्रिकेटर आकांक्षा सैणी ने बीते सोमवार को भारतीय महिला क्रिकेट में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अंडर-19 अंतर जिला महिला क्रिकेट प्रतियोगिता में आकांक्षा ने सोमवार को संगरूर के खिलाफ खेले गए एक दिवसीय मैच में दोहरा शतक जड़कर रिकार्ड 219 रनों की पारी खेली।
लुधियाना [कृष्ण गोपाल]। लुधियाना की प्रतिभाशाली क्रिकेटर आकांक्षा सैणी ने बीते सोमवार को भारतीय महिला क्रिकेट में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से करवाई जा रही अंडर-19 अंतर जिला महिला क्रिकेट प्रतियोगिता में आकांक्षा ने सोमवार को संगरूर के खिलाफ खेले गए एक दिवसीय मैच में दोहरा शतक जड़कर रिकार्ड 219 रनों की पारी खेली।
भारतीय महिला क्रिकेट में यह पहला अवसर है जब किसी खिलाड़ी ने एक दिवसीय मैच में दोहरा शतक जड़ा है। आकांक्षा ने इस पारी में 151 गेंदें खेलकर 31 चौके व तीन छक्के लगाए। इससे पहले हरमनप्रीत कौर ने एक दिवसीय मैच में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रन की पारी खेली है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यूजीलैंड की एमिला कैरो नाबाद 232 रन बना चुकी हैं। आस्ट्रेलिया की क्लार्क भी 229 रनों की पारी खेल चुकी हैं। आकांक्षा 219 रनों के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गई हैं।
संगरूर को रिकार्ड 554 रन से हराया
सोमवार को पटियाला में लुधियाना और संगरूर जिले की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीमों के बीच यह मैच खेला गया। लुधियाना ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 577 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य खड़ा कर दिया। यह पहला मौका था जब किसी एक दिवसीय मैच में 577 रन एक पारी में बने हों। संगरूर की टीम केवल 23 रन पर आलआउट हो गई। लुधियाना ने रिकार्ड 554 रनों के विशाल अंतर से जीत दर्ज की।
अनुशासन और कड़ी मेहनत करती है आकांक्षा : रमनप्रीत कौर
कोच रमनप्रीत कौर कहती हैं कि आकांक्षा बहुत अनुशासित है। वे अपने खेल को निखारने के लिए कड़ी मेहनत करती है। उसने 2017 में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। वह अपनी मेहनत से बहुत आगे जाएगी। पूरा भरोसा है कि वह पंजाब ही नहीं देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेगी।
अंडर-19 वर्ल्ड कप की टीम में जगह बनाना है लक्ष्य
आकांक्षा कहती हैं कि वे अगले साल फरवरी में होने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए चुनी जाने वाली महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। वे सचिन तेंदुलकर और मिताली राज की प्रशंसक हैं। परिवार में भाई भी अच्छे क्रिकेटर रहे हैं। उनका असर भी मुझ पर पड़ा है। पापा ने बैडमिंटन के लिए कहा, लेकिन मेरा ध्यान क्रिकेट पर गया। स्कूल में लड़कों की टीम के साथ भी क्रिकेट खेला है।
बैडमिंटन की जगह क्रिकेट को चुना
आकांक्षा के पिता एसके सैणी बैडमिंटन खेलते हैं। वे बेटी को बैडमिंटन के लिए तैयार कर रहे थे लेकिन आकांक्षा के दिल में क्रिकेट था। उनका भाई भी क्रिकेट खेलता है, इसलिए उसने क्रिकेट को चुना। वे राज्य स्तर के तीन शिविरों में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं।
बेटी पर है पूरा भरोसा, जरूर होगी कामयाब : बेटी पर गर्व है कि इतनी बड़ी पारी खेली है। पूरा भरोसा है कि वे अपने सपनों को पूरा करने में जरूर कामयाब होगी। वह बहुत अच्छी खिलाड़ी है। देश का नाम रोशन करेगी।
-मीनाक्षी सैणी, माता।