जगराओं के हिस्सोवाल में अनुसूचित जाति के लोगों ने स्टैबलाइजेशन आफ पौंड का किया विरोध, बोले- इस प्रोजेक्ट से पर्यावरण होगा दूषित

Ludhiana-jagraon News ः हलका रायकोट व ब्लाक सुधार के अधीन आते गांव हिस्सोवाल में गांव के गंदे पानी की निकासी के लिए बन रहे स्टैबलाइजेशन आफ पौंड का गांव के ही अनुसूचित जाति के लाेगों की ओर से विरोध किया जा रहा है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 10:36 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 10:36 AM (IST)
जगराओं के हिस्सोवाल में अनुसूचित जाति के लोगों ने स्टैबलाइजेशन आफ पौंड का किया विरोध, बोले- इस प्रोजेक्ट से पर्यावरण होगा दूषित
जगराओं के हिस्सोवाल में स्टैबलाइजेशन आफ पौंड का किया विरोध करते हुए दलित भाईचारे ने लोग। (जागरण)

जगराओं, जेएनएन। हलका रायकोट व ब्लाक सुधार के अधीन आते गांव हिस्सोवाल में गांव के गंदे पानी की निकासी के लिए बन रहे स्टैबलाइजेशन आफ पौंड का गांव के ही अनुसूचित जाति के लाेगों की ओर से विरोध किया जा रहा है। उन्होंने दोष लगाया कि इस प्रोजेक्ट के बनने से हवा व पानी दाेनों दूषित हो जाऐंगे। उन्होंने इससे गांव वालों की सेहत खराब होने का खतरा बताया। साथ ही उन्हाेंने गांव के सरपंच पर धकके से प्रोजेक्ट लाने का भी दोष लगाया। गांव वासी जगदेव सिंह , मास्टर मेजर सिंह, तारा सिंह, शिंदरपाल सिंह, ज्ञानी बावा सिंह, सेवक सिं, हरजिंदर सिंह सीशेवाल, गुरबिंदर सिंह, कुलदीप सिंह, राजिंदर सिंह, काक हिस्सोवालिया, गुरबिंदर कुमार , इकबाल सिंह, गुरदेव सिंह, मनप्रीत सिंह, गुरचेत सिंह ने सांझे तौर पर कहा कि दलित भाइZचारे को आर्थिक तौर पर कमजोर होने कारण जानबूझ कर दबाया जा रहा है।

उन्हाेंने कहा कि गांव में रिहायशी इलाके में बन रहे स्टैबलाइजेान आफ पौंड के गंदे पानी व इसकी गंदी बदबू से दलित भयानक रोगों के शिकार हो जाएंगे और उनके बुजुर्गों द्वारा बनाए मकान गिर जाएंगे जिसका परिणाम भविष्य में घातक होगा यह आपसी रंजिश गांव के सरपंच को भुगतनी पड़ेगी और हल्के के कांग्रेसी नेताओं को भुगतना पडे़गा। इस मोकेपर दलित भाइचारे ने कहा कि यदि यह प्रोजेकट बंद न किया तो दलित भाइचारा इस धक्केशाही खिलाफ अदालत का दरवाजा खड़काऐगे।

इस संबंधी गांव के सरपंच जसप्रीत सिंह हैप्पी ने दोषाें काे बेबुनियाद बताया और कहा कि यह प्रोजेक्ट सरकारी निर्देशाें अनुसार लगाया जा रहा है। इस संबंधी ब्लाक विकास पंचायत अफसर हैरी सिंह ने कहा कि यह प्रोजेकट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की स्कीम अधीन एक्सीयन पंचायती राज में से गांव के छप्परो का नवीनीकरण व सीवरेज प्लांट लगाकर गंदे पानी को पुन: उपयोग के लिए योग्य बनाया जा रहा है। जिससे विभाग की ओर से अधिकारित तौर पर निशानदेही करके गांव वालों की सहमति से यह प्रोजेक्ट चल रहा है। और इस संबंधी गांव वालों की ओर से कोई लिखित में शिकायत नही मिली।

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