टीबी मरीज को दवा के लिए पहले भगाया, शिकायत पर एसएमओ ने लिया संज्ञान

सरकारी अस्पतालों में लोगों को मुफ्त इलाज और फ्री दवाइयां देने के दावे किए जाते हैं, परंतु मरीजों को इसका लाभ नहीं पहुंच रहा है।

By Edited By: Publish:Fri, 30 Nov 2018 08:00 AM (IST) Updated:Fri, 30 Nov 2018 10:18 AM (IST)
टीबी मरीज को दवा के लिए पहले भगाया, शिकायत पर एसएमओ ने लिया संज्ञान
टीबी मरीज को दवा के लिए पहले भगाया, शिकायत पर एसएमओ ने लिया संज्ञान

संस, श्री माछीवाड़ा : साहिब : सरकारी अस्पतालों में लोगों को मुफ्त इलाज और फ्री दवाइयां देने के दावे किए जाते हैं, परंतु मरीजों को इसका लाभ नहीं पहुंच रहा है। माछीवाड़ा के प्राथमिक सेहत केंद्र में टीबी की मरीज अपने पिता से अस्पताल के बाहर बीमारी से पीड़ित बेसुध हुई बैठी थी। उसका पिता दवाई के लिए अस्पताल के कमरों की खाक छान रहा था। पीड़ित लड़की के पिता ने पत्रकारों को बताया कि उसकी लड़की पिछले काफी दिनों से बीमार थी। वह समराला अस्पताल में पिछले 3 दिनों से टेस्ट करवा रहे थे। डॉक्टरों ने मेडिकल रिपोर्ट के बाद बताया कि उसकी लड़की को टीबी है, जिस संबंधित वह माछीवाड़ा सरकारी अस्पताल में जा कर इलाज करवा सकता है, जहां उसे दवा मुफ्त मिलेगी। समराला के बाद जब वीरवार सुबह लड़की को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माछीवाड़ा पहुंचा, तो वहा उसे टीबी की दवा के लिए एक कमरे में भेज दिया गया। पीड़ित लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल के कमरे में बैठे व्यक्ति ने उस के साथ दु‌र्व्यवहार किया और बिना दवा दिए ही जाने के लिए कह दिया। पिता ने बताया कि वह अपनी लड़की को दवा दिलाने के लिए फिर समराला सरकारी अस्पताल में गया और वहा फिर डॉक्टरों ने बताया कि टीबी की पीड़ित लड़की का इलाज वह माछीवाड़ा सरकारी अस्पताल में ही शुरू करवाएं जिस पर वह अपनी लड़की को ले कर धक्के खाता हुआ माछीवाड़ा अस्पताल में आ गया। पीड़ित लड़की ने अपने साथ हो रहे दु‌र्व्यवहार संबंधी बताया।

यह मामला एसएमओ डॉ. जसप्रीत कौर के ध्यान में लाया गया। उन्होंने फार्मासिस्ट और आशा वर्कर को निर्देश दिए कि टीबी की दवा तुरंत देने और रेगुलर ईलाज करने के लिए कहा। इस के बाद जा कर इस पीड़ित लड़की का ईलाज शुरू हो सका। एसएमओ ने कहा कि टीबी की दवा देने वाला फार्मासिस्ट कुछ रिपोर्टो तैयार कर रहा था और उन के पास स्टाफ की भी कमी है जिस कारण उसने मरीज को कुछ समय रुक कर आने के लिए कहा था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज का ईलाज करना यहां आने वाले डाक्टरों और कर्मचारियों का फर्ज है और आगे से ऐसी कोताही न हो वह इस बात का ख्याल रखेंगे।

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