SYL Canal Issues: एसवाइएल मसले पर कैप्टन के समर्थन में आए सिमरजीत बैैंस, कही यह बात

SYL Canal Issues कैप्टन के धुरविराेधी बैंस पानी के मसले काे लेकर उनके साथ है। उन्हाेंने कहा कि कैप्टन अगर इस मुद्दे पर गंभीर है तो सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की पैरवी डटकर करनी चाहिए।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 11:56 AM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2020 11:56 AM (IST)
SYL Canal Issues: एसवाइएल मसले पर कैप्टन के समर्थन में आए सिमरजीत बैैंस, कही यह बात
SYL Canal Issues: एसवाइएल मसले पर कैप्टन के समर्थन में आए सिमरजीत बैैंस, कही यह बात

लुधियाना, जेएनएन। SYL Canal Issues: एसवाइएल मसले पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान का लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने स्वागत किया। बैंस ने कहा कि बयान जैसी सख्ती वाला स्टैंड भी लेना होगा।

पानी पर पंजाब के हक की पैरवी करते हुए बैंस ने कहा कि पंजाब अगर मजबूती से अपना पक्ष अदालत में रखे तो हरियाणा क्या देश का कोई भी प्रदेश पंजाब के पानी पर आंख उठाकर नहीं देख सकता। इसके साथ ही तर्क भी दिया कि केजरीवाल सरकार द्वारा हिमाचल को पानी का भुगतान किया है। अगर वह पंजाब को भी भुगतान कर दें तो बाकी प्रदेशों से वसूली आसान हो जाएगी।

पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट में केस की सही हाे पैरवी

बैंस ने कहा कि कैप्टन अगर पानी के मुद्दे पर गंभीर है तो सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की पैरवी डटकर करनी चाहिए। 1956 के इंटरस्टेट रीवर वॉटर एक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस संबंधी अगर पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास हो जाए तो पड़ोसी राज्यों से चल रहा पानी का मसला ही हल हो जाएगा। 

देवीलाल ने की थी नहर निर्माण की शुरुआत

1970 और 80 के दशक में नहर के निर्माण की शुरुआत चौधरी देवीलाल ने की। बाद के दशकों में वोट के लिहाज से नहरी पानी भले ही ज्यादा फायदेमंद न रहा हो, मगर राजनेताओं ने मुद्दे को मरने नहीं दिया। 1976 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता की अगुवाई में हरियाणा ने अपने हिस्से में नहर की खोदाई शुरू की। 1980 में नहर निर्माण का काम पूरा कर लिया गया। चुनावों में इसका पूरा फायदा कांग्रेस को मिला और तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने फिर सरकार बनाई। 1987 में चौधरी देवीलाल को सत्ता दिलाने में एसवाईएल ने मुख्य किरदार निभाया।

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