डेडलाइन खत्म: सिरे नहीं चढ़ी डेयरियों के शिफ्टिंग की योजना, बुड्ढा दरिया में ढाई साल गिरता रहेगा गोबर
बुढ्डा दरिया को प्रदूषित होने से रोकने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) कई बार नगर निगम को फटकार लगा चुका है।
जासं, लुधियाना : बुढ्डा दरिया को प्रदूषित होने से रोकने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) कई बार नगर निगम को फटकार लगा चुका है। इससे निगम अफसरों की काफी किरकिरी हुई। एनजीटी ने निगम को 31 मार्च 2020 तक बुड्ढा दरिया में गिर रहे डेयरियों के गोबर को रोकने के आदेश दिए थे। मगर कोरोना के कारण कार्य प्रभावित होने पर इसके लिए डेडलाइन जून तक बढ़ाई गई। इस दौरान निगम अधिकारियों ने दरिया के किनारे बने दोनों डेयरी कांप्लेक्सों को शिफ्ट करने की योजना पेश की। यह देखकर एनजीटी ने उन्हें पूरा प्रोजक्ट तैयार करने के लिए मोहलत दी। मगर निगम की यह योजना सिरे ही नहीं चढ़ी। निगम चार महीने की लंबी जद्दोजहद के बाद अब भी उसी स्थिति में है जहां पर वह पहले खड़ा था।
अब निगम फिर से दोनों डेयरी कांपलेक्सों को अपग्रेड करने की योजना बना रहा है। वहीं ताजपुर डेयरी कांप्लेक्स में गोबर प्रोसेस करने के लिए एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) लगाया जाएगा और इसे लगने में कम से कम ढाई साल का वक्त लगेगा। इससे साफ है कि इतने समय तक बुड्ढा दरिया डेयरियों का गोबर गिरने से प्रदूषित होता रहेगा। वहीं अब पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी एनजीटी के आदेशों को नगर निगम पर नकेल कसने की तैयारी करनी शुरू कर दी। इससे साफ है कि अब नगर निगम को फिर से एनजीटी की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
निगम ने डेयरी कांप्लेक्स में कार्रवाई की खानापूर्ति ही की
एनजीटी की मानिटिरिग कमेटी दरिया में प्रदूषण के लिए नगर निगम को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहरा चुकी है। निगम ने कई बार डेयरी कांप्लेक्स में कार्रवाई भी की, लेकिन यह सिर्फ आईवाश तक ही सीमित रही। एनजीटी का कठोर रुख देखते हुए और मुख्यमंत्री की तरफ से बनाई गई टास्क फोर्स के प्रमुख सतगुरु उदय सिंह की रिपोर्ट के बाद निगम ने बुड्ढा दरिया के किनारे बने दोनों डेयरी कांप्लेक्सों को शिफ्ट करने की योजना बनाई। इसके बाद ताजपुर डेयरी कांप्लेक्स में बनने वाले ईटीपी का काम भी शुरू नहीं किया गया।
कमेटी ने कहा, डेयरी कांप्लेक्स के लिए जगह नहीं मिली
स्थानीय निकाय विभाग ने मेयर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। इसमें डिप्टी कमिश्नर, निगम कमिश्नर, ग्लाडा के मुख्य प्रशासक व अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया, लेकिन चार महीने की जद्दोजहद के बाद कमेटी ने कह दिया कि डेयरी कांप्लेक्स के लिए जगह नहीं मिल रही। इसलिए इन्हीं डेयरी कांप्लेक्सों को अपग्रेड किया जाए। फिर निगम ने डेयरी कांप्लेक्सों को अपग्रेड करने की योजना बनाई और अब इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जाएगी। वहीं पीपीसीबी अब निगम लिमिट से बाहर की डेयरियों पर भी कार्रवाई करने जा रहा है।
विधायक ने अफसरों पर बनाया ईटीपी का काम शुरू करने का दबाव
विधायक संजय तलवाड़ ने स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से बनी कमेटी को पत्र लिखकर कहा था कि वह जल्दी स्पष्ट करे कि डेयरी कांप्लेक्स शिफ्ट होने हैं या नहीं ताकि ताजपुर डेयरी कांप्लेक्स में लगने वाला ईटीपी शुरू हो सके। अब कमेटी ने शिफ्टिंग के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया तो विधायक ने पेडा के अफसरों पर ईटीपी का काम जल्दी शुरू करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
नई जगह नहीं मिली, इसलिए इन्हीं डेयरी कांप्लेक्सों को अपग्रेड किया जाएगा। मैंने गोबर प्रोसेसिग प्लांट चलाने वाली कंपनी को साफ कर दिया कि वह अपनी पूरी क्षमता से काम करे। बाकी अपग्रेड करने के लिए योजना तैयार की जा रही है। ताजपुर डेयरी कांप्लेक्स में भी ईटीपी का काम शुरू करवाया जाएगा।
-बलकार सिंह संधू, मेयर लुधियाना
नगर निगम को एनजीटी बार बार कह चुकी है कि दरिया में गोबर न गिराया जाए। निगम अगर डेयरियों को शिफ्ट नहीं करवा रहा तो उन्हें ईटीपी लगने तक दरिया में गोबर गिरने से रोकने के लिए इंतजाम करना होगा। नहीं तो निगम से जुर्माने के तौर पर कंपनसेशन वसूला जाएगा।
-करुणेश गर्ग, मेंबर सेक्रेटरी पीपीसीबी।