Punjab Street Food: बठिंडा के जग्गी की फेमस लस्सी के सभी दीवाने, 70 साल बाद भी नहीं बदला स्वाद

Punjab Street Food पंजाब में खानपान के लिए अमृतसर के बाद बठिंडा काफी मशहूर है। यहां की लस्सी का स्वाद ताे एकदम ही निराला है। शहर के सिरकी बजार स्थित जग्गी की दुकान की लस्सी के पंजाबी दीवाने हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Jun 2022 09:40 AM (IST) Updated:Sun, 26 Jun 2022 09:40 AM (IST)
Punjab Street Food: बठिंडा के जग्गी की फेमस लस्सी के सभी दीवाने, 70 साल बाद भी नहीं बदला स्वाद
Punjab Street Food: दुकान पर लस्सी बनाते दुकान के मालिक जगदीश कुमार। जागरण

ज्योति बबेरवाल, बठिंडा। Punjab Street Food: गर्मियों में लस्सी पीना किसे पसंद नहीं। गर्मी के मौसम में ठंडी-ठंडी लस्सी मिल जाए तो शरीर को काफी संतुष्टि मिल जाती है। शहर में अगर लस्सी की बात की जाए तो जुबां पर सबसे पहला नाम सिरकी बजार स्थित जग्गी की दुकान की लस्सी का आता है।

बुजुर्ग बताते हैं कि करीब 70 साल पुरानी इस दुकान पर मिलने वाली लस्सी का स्वाद आज भी वैसा ही है। दुकान पर आने वाले बुजुर्ग भी बताते हैं कि यहां लस्सी का स्वाद आज तक नहीं बदला.. इस स्वाद के सभी दीवाने हैं। इसी कारण जग्गी के नाम से यह दुकान आज अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है। यहां लस्सी पीने के लिए बठिंडा से ही नहीं बल्कि बाहर के शहरों से भी लोग आते हैं।

दुकान के मालिक जगदीश कुमार ने बताया कि यह दुकान साल 1952 में उनके पिता जीवनदास, उनके चाचा पन्नू लाल और राम लाल ने मिलकर शुरू की थी। उस समय पिता जी ने दुकान किराये पर लेकर लस्सी कारोबार शुरू किया था। महज 13 रुपये किराया था। करीब 70 साल पहले छोटी-सी दुकान से लस्सी का कारोबार शुरू कर जो स्वाद लोगों को दिया, वह स्वाद आज भी कायम है और उसी के दम पर बाजार में टिके हुए हैं।

भले ही बठिंडा में कई लस्सी बनाने वाली दुकानें हैं, लेकिन उनकी लस्सी का स्वाद अलग है, जोकि ग्राहकों को उनके पास खींचकर ले आता है। जगदीश ने बताया कि 1989 में किराये की दुकान छोड़कर अपनी खुद की दुकान खरीदी। पहले दुकान पर सिर्फ ठंडी नमकीन व मीठी लस्सी पीने को मिलती थी, लेकिन अब दुकान में लस्सी के साथ दही, कढ़ाई का दूध भी दिया जाता है।

25 पैसे प्रति गिलास से हुई थी लस्सी की शुरुआत

दुकान की खास बात यह है कि दुकान पर अब भी लस्सी दुकान के मालिक खुद ही बनाते हैं। दुकान मालिक जग्गी ने बताया कि उनके पिता ने जब यह दुकान शुरू की थी तो उस समय दुकान पर 25 पैसे प्रति गिलास लस्सी दी जाती थी। वहीं अब 70 वर्ष बाद 25 से 30 रुपये की लस्सी दी जाती है। इतने सालों बाद भी दुकान पर मिलने वाली लस्सी का स्वाद नहीं बदला।

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