बेअदबी कांडः इंसाफ मोर्चा के सदस्यों से मिले स्पीकर संधवां, 1 सितंबर को सिख संगत के बड़े इकट्ठ का एलान

बहिबल कलां में धरने पर बैठे इंसाफ मोर्चा के सदस्यों ने गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व यानी 1 सितंबर को सिख संगत का एक बड़ा इकट्ठ करने की घोषणा की है। उनका मकसद बेअदबी मामले में न्याय के लिए प्रदेश सरकार पर दबाव बनाना है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 16 Aug 2022 06:53 PM (IST) Updated:Tue, 16 Aug 2022 06:53 PM (IST)
बेअदबी कांडः इंसाफ मोर्चा के सदस्यों से मिले स्पीकर संधवां, 1 सितंबर को सिख संगत के बड़े इकट्ठ का एलान
बहिबल कलां में इंसाफ मोर्चा के समागम में पहुंचे स्पीकर कुलतार सिंह संधवां मंच की ओर जाते हुए। जागरण

जासं, बहिबल कलां (फरीदकोट)। बेअदबी मामले में इंसाफ की मांग को लेकर धरने पर बैठे इंसाफ मोर्चा के सदस्यों ने गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व यानी 1 सितंबर को सिख संगत का एक बड़ा इकट्ठ करके प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने की घोषणा की है। मोर्चा के मंच से बड़ी संख्या में इकट्ठ में पहुंचने का आह्वान किया गया। यह फैसला मंगलवार को बहिबल कलां इंसाफ मोर्चा के समागम में किया गया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां इंसाफ मोर्चा के सदस्यों से मिले।

समागम में वक्ताओं ने पूर्व और वर्तमान प्रदेश सरकार की इंसाफ न दिला पाने पर अलोचना की। कई वक्ताओं ने सिख कौम के जुझारू इतिहास का उल्लेख करते हुए संघर्ष तेज करने का सुझाव दिय तो कुछ ने वर्तमान राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक बार फिर से परोक्ष रूप से 1 सितंबर तक का समय इंसाफ के लिए प्रदेश सरकार को मिल गया है। प्रदेश सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को हल करे, अन्यथा इस बार सिख कौम शिअद, कांग्रेस के बाद आप को भी सबक सिखा देगी।

चार लोगों को नामजद कर पकड़े सरकारः खैहरा

समागम में पहुंचे कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि पंजाब व जम्मू-कश्मीर दो ऐसे राज्य है, जो छोटे भले हैं, परंतु यदि इन राज्यों के हुकमरान केंद्र से हरी झंडी लिए बिना काम करते है तो उन्हें परेशान किया जाता है। सात पहले हुए बेअदबी मामले में जब तक चार लोगों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें पकड़ा नहीं जाता, तब तक किसी को चैन नहीं आएगा। ये चार लोग पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी व डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम है। हालांकि खैहरा के संबोधन के बाद एक वक्ता ने उनकी मुखालत करते हुए आयोजकों से मंच को सियासी आगुओं को न देने की मांग की।

चारों ओर संगत ही संगत दिखाई पड़े

अंत में, इंसाफ मोर्चे का नेतृत्व कर रहे सुखराज सिंह ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मसला नहीं है, यह गुरु महाराज का मसला यानी सिख संगत का मसला है। संगत ने अब फैसला किया है कि इस बार का गुरु ग्रंथ का प्रकाश पर्व एक सितंबर को इंसाफ मोर्चा स्थल पर मनाया जाए और इसमें इतनी संगत आएगी कि चहुंओर संगत ही संगत दिखाई पड़े।

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