पंजाब चुनाव 2022: मौड़ सीट में भाजपा और संयुक्त समाज मोर्चा के प्रत्याशी बिगाड़ेंगे सबका गणित, जानें कारण

Punjab Chunav 2022ः 2017 में उन्होंने मानसा विधानसभा हलके से चुनाव लड़ा था। 2017 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जगदेव सिंह कमालू को लोगों ने भारी बहुमत से जिताकर विधानसभा में भेजा था। लेकिन बाद में वह सुखपाल सिंह खैहरा के साथ चले गए।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sun, 16 Jan 2022 02:26 PM (IST) Updated:Sun, 16 Jan 2022 02:26 PM (IST)
पंजाब चुनाव 2022: मौड़ सीट में भाजपा और संयुक्त समाज मोर्चा के प्रत्याशी बिगाड़ेंगे सबका गणित, जानें कारण
मौड मंडी विधानसभा हलके में मुकाबला हाेगा राेचक। (फाइल फाेटाे)

गुरप्रेम लहरी, मौड़ मंडी (बठिंडा)। Punjab Chunav 2022ः  कांग्रेस पार्टी की तरफ से जिले के सभी उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद जिले में चुनाव प्रचार ने गति पकड़ ली है। वैसे तो हर एक विधानसभा हलके के चुनाव ही महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन मौड मंडी विधानसभा हलके के लिए यह चुनाव और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि पिछले चुनाव से महज दो दिन पहले ही कांग्रेस प्रत्याशी की जनसभा के पास हुए बम ब्लास्ट में 7 लोगों की मौत हो गई थी। इसने पूरे पंजाब को दहला कर रख दिया था।

अगर राजनीतिक पार्टियों की बात करें तो यह हल्का उनके लिए और ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि इस विधानसभा हलके से प्रमुख राजनीतिक पार्टियों द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशी इस हलके में पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी जगमीत सिंह बराड़ इससे पहले 2 विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन मौड मंडी में उनकी यह पहली पारी है। इसी प्रकार कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव मैदान में उतारी गई डा. मनोज वाला बंसल भी इस हल्के से पहली बार चुनाव मैदान में उतर रही है।

इससे पहले 2017 में उन्होंने मानसा विधानसभा हलके से चुनाव लड़ा था। 2017 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जगदेव सिंह कमालू को लोगों ने भारी बहुमत से जिताकर विधानसभा में भेजा था। लेकिन बाद में वह सुखपाल सिंह खैहरा के साथ चले गए और उसके बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। इसलिए इस बार आम आदमी पार्टी ने नौजवान प्रत्याशी सुखबीर माईसरखाना पर दांव खेला है। अगर बात हल्के की करें तो सिर्फ सुखबीर सिंह माईसरखाना ही इस विधानसभा हलका से है जबकि अन्य दोनों प्रत्याशी दूसरे हलकों से हैं।

शिअद छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले जगदीप सिंह नकई भी कई प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ सकते हैं। इसी हल्के से किसान आंदोलन में सुपर एक्टिव रहने वाले लक्खा सिधाना भी काफी एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। उनको संयुक्त समाज मोर्चे की ओर से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।

मौड़ मंडी विधानसभा हलका 2012 में बनाया गया जबकि इससे पहले यह तलवंडी साबो विधानसभा हलके का ही हिस्सा रहा है। 2012 में पहली बार जब चुनाव हुए तो शिरोमणि अकाली दल के जनमेजा सिंह सेखों चुनाव जीते और कैबिनेट मंत्री बने और 2017 के विधानसभा चुनाव में जगदेव सिंह कमालू चुनाव जीत गए। पिछले विधानसभा चुनाव में आप की आंधी में मौड मंडी हल्के से जगदेव सिंह कमालू को 62104 वोट मिले थे जबकि अकाली दल के जनमेजा सिंह सेखों को 47514 और कांग्रेस के हरमंदर सिंह जस्सी को सिर्फ 23032।

मौड़ मंडी विधानसभा क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी जीत

2017 में आप के जगदेव सिंह कमालू 14590 वोटों के अंतर से जीते थे। जबकि इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक की सबसे छोटी जीत 2012 में अकाली दल के जनमेजा सिंह सेखों सिर्फ 1387 वोटों के अंतर से जीते थे।

कब कौन-कौन जीता

2012 में जनमेजा सिंह सेखों (अकाली दल)

2017 में जगदेव सिंह कमालू (आप)

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