Farmers Protest: किसान आंदाेलन से पंजाब में संकट, सप्लाई चेन टूटने से साइकिल कंपनियाें का प्राेडक्शन गिरा

हाईएंड साइकिल के लिए स्थिति बेहद खराब होती जा रही है।इस स्थिति में हम सरकार से मदद मांगते हैं ताकि साइकिल सेक्टर इस चुनौती से उबर सके। विदेशी से आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार से मदद की जरुरत है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 10:40 AM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 01:30 PM (IST)
Farmers Protest: किसान आंदाेलन से पंजाब में संकट, सप्लाई चेन टूटने से साइकिल कंपनियाें का प्राेडक्शन गिरा
किसान आंदाेलन के चलते सप्लाई चेन टूटने से कंपनियाें काे नुकसान। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। किसान आंदाेलन के चलते सप्लाई चेन टूटने और कंपोनेंट में कमी आने से साइकिल और ईबाइक्स की वैश्विक मांग को पूरा करने की क्षमता में नुकसान हाे रहा है। स्थानीय कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग और लगातार सप्लाई के लिए हीरो साइकिल ने सरकार से मदद मांगी है। कोविड-19 ने पूरी दुनिया में साइकिल और ई बाइक्स की मांग में तेजी से वृद्धि कर दी है।

भारत में भी लोग हेल्थी, पर्सनल और इकोफ्रेंडली ट्रांसपोर्ट के विकल्प के रूप में साइकिल और ई बाइक्स को खरीद रहे हैं। हालांकि कच्चे माल और कंपोनेंट की कमी होने का मतलब है कि साइकिल सेक्टर इस भारी मांग को पूरा करने में परेशानी झेल रहा है।महामारी के बाद सप्लाई चेन में बाधा, चीन से इम्पोर्ट पर प्रतिबंध, पंजाब में मालगाड़ी ट्रेनों की आवाजाही में बाधा आने से साइकिल सेक्टर के लिए कच्चे माल और अन्य सामानों की कमी हो गई है।

-- हाईएंड साइकिलों के लिए करनी पड़ रही मशक्त
हीरो मोटर्स कंपनी (एचएमसी) के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैंन पंकज एम मुंजाल ने कहा कि एक तरफ हम साइकिल और ई बाइक्स की मांग में काफी वृद्धि देख रहे हैं और वहीं दूसरी तरफ इस मांग को पूरा करने की कोशिश में साइकिल सेक्टर के लिए कच्चे माल और दूसरे अन्य कंपोनेंट में कमी हो रही है। इससे भारत में साइकिल मैन्युफैक्चरिंग में बाधा आ रही है। इसकी वजह से ग्राहकों को इंतजार करना पड़ रहा है। खासकर हाईएंड साइकिल के लिए स्थिति बेहद खराब होती जा रही है।इस स्थिति में हम सरकार से मदद मांगते हैं, ताकि साइकिल सेक्टर इस चुनौती से उबर सके। साइकिल सेक्टर को कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग को स्थानीय स्तर पर करने के लिए और विदेशी से आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार से मदद की जरुरत है।

-- साइकिल और ई-बाइक्स की मांग लगातार बढ़ रही  
कोविड 19 महामारी ने न केवल दुनिया की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस किया है बल्कि हमारी जिंदगी में लम्बे समय के लिए परिवर्तन की मांग को भी उजागर किया है। इस समय पूरी दुनिया के लाखों लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफ़र नहीं करना चाहते हैं और बिना जिम में जाए वर्कआउट को करना जारी रखना चाहते हैं। इसलिए साइकिल इस समस्या का समाधान बनके उभरी है। कुछ कैटेगरी की साइकिल विशेष रूप से मनोरंजन और फिटनेस बाइक की मांग में लगभग 100% की उछाल देखी गई।

अनुमान से यह पता चलता हैं कि भारत सालाना 70 मिलियन अमरीकी डालर से ज्यादा कीमत के साइकिल पार्ट्स का आयात करता है। हाल के सालों में भारत का साइकिल सेक्टर कंपोनेंट और हाईएंड पार्ट्स के इम्पोर्ट के लिए चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर था। कोविड महामारी ने व्यापार में स्थिरता और प्रभावी बैकएंड इंटीग्रेशन के महत्व पर प्रकाश डाला है। सप्लाई चेन में विविधता लाने और वर्तमान माहौल में साइकिल इंडस्ट्री के लिए एक मजबूत स्थानीयकृत कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर स्थापित करना एक सर्वोच्च प्राथमिकता है।

-- भारतीय साइकिल इंडस्ट्री को आत्मनिर्भर बनाने को सरकार करे सहयोग
सरकार को देश में अपनी खुद की मजबूत मैन्युफैक्चरिंग क्षमता विकसित के प्रयास को शुरू करने के लिए इस सेक्टर को राजकोषीय और गैर-राजकोषीय उपायों के माध्यम से मदद करनी चाहिए।जितने भी मैन्युफैक्चारर्स हैं वे चीन के इम्पोर्ट पर से निर्भरता को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान में भारत के इस सेक्टर के पास साइकिल और ई-साइकिल के लिए मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट उपलब्ध नहीं हैं।

इस सेक्टर को इन पार्ट्स के बनाने और स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को 'मेक इन इंडिया’ के साथ करने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इन्नोवेशन की आवश्यकता है।हीरो साइकिल ने बैकवर्ड इंटीग्रेशन को करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हीरो साइकिल अगले कुछ सालों में ई बाइक्स मैन्युफैक्चरिंग सहित कंपोनेंट को भारत में बनाने के लिए बहुत तेजी से काम कर रहा है।

chat bot
आपका साथी