पीएयू भी लावारिस कुत्तों से सुरक्षित नहीं, वरिष्ठ अधिकारी को नोंचा

लावारिस कुत्तों की समस्या का उचित समाधान न होने से जहां पूरा शहर त्रस्त है, वहीं पंजाब कृषि विश्वविद्यालय कैंपस भी सुरक्षित नहीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 May 2018 08:00 PM (IST) Updated:Wed, 23 May 2018 08:00 PM (IST)
पीएयू भी लावारिस कुत्तों से सुरक्षित नहीं, वरिष्ठ अधिकारी को नोंचा
पीएयू भी लावारिस कुत्तों से सुरक्षित नहीं, वरिष्ठ अधिकारी को नोंचा

आशा मेहता, लुधियाना

लावारिस कुत्तों की समस्या का उचित समाधान न होने से जहां पूरा शहर त्रस्त है, वहीं पंजाब कृषि विश्वविद्यालय कैंपस भी सुरक्षित नहीं हैं। हालात ये हैं कि गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में लावारिस कुत्तों की नसबंदी की सुविधा होने के बावजूद यहां कुत्तों का आतंक है। गडवासू में पिछले दो साल के दौरान करीब 100 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। बावजूद कुत्तों का आतंक बरकरार है।

पिछले माह लावारिस कुत्तों के एक झुंड ने पीएयू की एक वरिष्ठ महिला अधिकारी को बुरी तरह से नोंच डाला। इस कारण उन्हें 15 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। कुत्तों का हमला इतना भयानक था कि महिला अधिकारी लहूलुहान और बेहोश हो गई थी। घटना के बाद से यूनिवर्सिटी में लावारिस कुत्तों को लेकर लोग दहशत है।

जानकारी के मुताबिक महिला अधिकारी पर कुत्तों के झुंड ने उस वक्त हमला किया, जब वह शाम को सैर के लिए घर से निकली थी। जैसे ही वह पीएयू के मॉडल स्कूल के समीप पहुंची, तो वहां तीन चार कुत्तों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया। एक साथ कई कुत्तों को देखकर वरिष्ठ अधिकारी काफी सहम गई और बेहोश हो गई। जिसके बाद लावारिस कुत्तों ने उन्हें पैर, हाथ व पीठ पर नोंचा और गहरे जख्म दिए। गनीमत रही कि सैर कर रहे कुछ लोगों की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने कुत्तों को वहां से भगाया और घायल अधिकारी को अस्पताल में भर्ती करवाया। तीन और बुजुर्ग भी लावारिस कुत्तों का बन चुके हैं शिकार

पीएयू कैंपस के अंदर पिछले महीने ही तीन बुजुर्ग भी लावारिस कुत्तों का शिकार बन चुके हैं। जिसमें से एक महिला को तो कुत्तों ने पांव पर इतनी बुरी तरह से नोंचा था कि उसे बीस टांके लगवाने पड़ थे। बुजुर्ग महिला को कुत्तों ने गडवासू की मोर्चरी के पास नोंचा था। उस दौरान वह सैर कर रही थी। उधर, पीएयू के एक सिक्योरिटी गार्ड ने बताया कि कुत्तों के खौफ की वजह से अब कई लोग अब हाथ में डंडा लेकर सैर के लिए आते हैं।

लावारिस कुत्तों के समाधान के लिए गडवासू व नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क किया है। उन्हें कैंपस में घूम रहे कुत्तों की नसबंदी करने को कहा है।

- डॉ. वीएस हांस, एस्टेट अफसर, पीएयू कैंपस में घूमने वाले 100 कुत्तों की गडवासू कर चुका है नसबंदी

गडवासू के वेटरनरी साइंस कॉलेज के डीन डॉ. प्रकाश बराड़ का कहना है कि पिछले दो साल के दौरान कैंपस में घूमने वाले करीब 100 लावारिस कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है, जो जारी है। हाल ही में न्यूट्रिशियन डिपार्टमेंट व डेयरी फार्म के आसपास घूम रहे कुत्तों की नसबंदी की गई है। जिन कुत्तों की नसबंदी की जाती है, उनकी पहचान के लिए ईयर नोचिंग (कान के पास छोटा सा कट लगाना) कर दी जाती है। इससे पता चल जाता है कि कुत्ते की नसबंदी हुई है या नहीं।

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