खस्ताहाल बस में कोर्ट से जेल लाए गए कैदी, शीट उठाकर एक हो गया फरार Ludhiana News

कोर्ट से जेल ले जाते समय एक कैदी बस में उखड़ी शीट को उठाकर फरार हो गया। पुलिस ने केंद्रीय जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।

By Sat PaulEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 11:06 AM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 03:43 PM (IST)
खस्ताहाल बस में कोर्ट से जेल लाए गए कैदी, शीट उठाकर एक हो गया फरार Ludhiana News
खस्ताहाल बस में कोर्ट से जेल लाए गए कैदी, शीट उठाकर एक हो गया फरार Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। पुलिस की कार्यप्रणाली शक के घेरे में है, जिन खूंखार कैदियों को बेहद कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत से जेल ले जाने की जिम्मेदारी पुलिस को दी गई थी, उन्हें उखड़े फर्श वाली बस में ले जाया जा रहा था। तभी एक कैदी बस में उखड़ी शीट को उठाकर फरार हो गया। पुलिस ने केंद्रीय जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।

दरअसल, 13 नवंबर को जेल से अदालत में 75 बंदियों को ले जाया गया था। इनमें से 55 बंदियों को बड़ी बस और 20 को मिनी बस से अदालत में लाया गया था। बाद में उन्हें वापस भी इसी तरह से जेल में लाया गया। जब उनकी गिणती हुई तो एक कैदी कम था। जांच में पता चला कि जिस मिनी बस में कैदियों को वापस लाया जा रहा था, उसमें से सूरज कुमार निवासी खेड़ी लुधियाना लापता हो गया। जांच के दौरान पाया गया कि बस की पिछली सीट में फर्श की उखड़ी लोहे की चादर को निकालकर फरार हो गया। अब उसके खिलाफ थाना डिवीजन नंबर सात में मामला दर्ज कर लिया गया है।

दाल में काला: एफआइआर से पुलिस पर ही खड़े हो रहे सवाल

अगर बस की चादर इतनी कमजोर थी कि जिसे आसानी से उठाया जा सकता था, तो इसे पहले ठीक क्यों नहीं करवाया गया। बस में 19 अन्य बंदी भी थे तो उनमें से किसी ने भागने का प्रयास क्यों नहीं किया और न ही किसी ने शोर मचाया। अगर वह बंदी अदालत के पास ही खड़ी बस से भागा तो पुलिस की गार्द वहां क्या कर रही थी। अब सवाल यह भी है कि कहीं वह पुलिस के किसी कर्मचारी के साथ मिलकर तो नहीं भागा है और अब उसे बचाने के प्रयास हो रहे हैं।

आरोपित के ठिकानों पर रेड, उसी से साफ होगा मामला

पुलिस ने मामला दर्ज कर सूरज और उसके कई रिश्तेदारों के घरों पर भी रेड की है। मगर उसका कोई अता-पता नहीं लग पाया है। सूरज नशा तस्कर है और उसे अदालत ने 12 साल की सजा सुनाई है। अब पुलिस उसे गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है ताकि उससे ही पूछताछ में सारी कहानी का पता चल सके।

एसएचओ ने माना, एफआइआर में खामियां, विभागीय जांच होगी

थाना डिवीजन नंबर सात के प्रभारी हरजिंदर सिंह के अनुसार सहायक जेल सुपरिंटेंडेंट की ओर से उन्हें लिखे गए पत्र के आधार पर एफआइआर दर्ज की गई है। हालांकि इसमें कई त्रुटियां हैं, जिसकी जांच की जा रही है। हम बस की भी जांच कर रहे हैं कि वह कब से टूटी थी। यही नहीं इसकी विभागीय जांच के लिए भी आवेदन किया गया है। इसके बाद सब साफ हो जाएगा।

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