Civil Hospital से पिंक ओपीडी स्लिप गायब, इलाज के लिए लाइनों में लग रहे बुजुर्ग Ludhiana News

पिंक पर्ची के तहत ओपीडी ब्लॉक से लेकर डॉक्टर रूम तक बुजुर्गों को पहल के आधार पर इलाज सुविधाएं उपलब्ध करवाने का दावा किया था लेकिन तीन महीने में ही व्यवस्था ने दम तोड़ दिया।

By Sat PaulEdited By: Publish:Thu, 09 Jan 2020 12:01 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jan 2020 08:02 AM (IST)
Civil Hospital से पिंक ओपीडी स्लिप गायब, इलाज के लिए लाइनों में लग रहे बुजुर्ग Ludhiana News
Civil Hospital से पिंक ओपीडी स्लिप गायब, इलाज के लिए लाइनों में लग रहे बुजुर्ग Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। सेहत विभाग की ओर से अक्टूबर में सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले साठ साल से अधिक आयु वाले बुजुर्गों के लिए अलग से पिंक रंग की ओपीडी स्लिप बनाने की व्यवस्था शुरू की गई थी। पिंक पर्ची के तहत ओपीडी ब्लॉक से लेकर डॉक्टर रूम तक बुजुर्गों को पहल के आधार पर इलाज सुविधाएं उपलब्ध करवाने का दावा किया गया था, लेकिन तीन महीने के भीतर ही इस व्यवस्था ने दम तोड़ दिया।

अक्टूबर में कुछ दिनों तक तो बुजुर्गों को पिंक रंग की ओपीडी स्लिप उपब्लध करवाई गई, लेकिन उसके बाद से इलाज व्यवस्था पुराने ढर्रे पर आ गई है। बुजुर्गों को दूसरे मरीजों की तरह लाइन में कंप्यूटराइज पर्ची दी जा रही है। बुजुर्गों को जहां अब भी ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है। वहीं डॉक्टर रूम के बाहर जांच करवाने के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है।

बुजुर्ग बोले, सिर्फ कागजों में पूरे होते हैं दावे

अस्तपाल में इलाज के लिए पहुंचे बुजुर्गों ने बताया कि उन्हें पिंक रंग की ओपीडी पर्ची नहीं मिली। वह दूसरे मरीजों की तरह ही ओपीडी ब्लॉक में लाइन में खड़े हुए। बड़ी जद्दोजहद करते हुए पर्ची बनवाई। बुजुर्गों ने कंप्यूटराइज सफेद ओपीडी पर्ची दिखाते हुए कहा कि सरकार और विभाग सिर्फ कागजों में सुविधाएं देने के दावे करते हैं। दूसरे विभागों की तरह सिविल अस्पताल में भी बुजुर्गों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि अगर सुविधाएं मिलती, तो अच्छा होता। 

सिविल अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे बुजुर्ग मलकीत सिंह का कहना है कि डॉक्टरों के कैबिन के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।

टेस्ट के लिए भी बुजुर्गों को आ रही परेशानी

अस्पताल में जहां ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है, वहीं जांच करवाने में भी बुजुर्गों को काफी दिक्कतें आ रही है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने एक अक्टूबर को कहा था कि सिविल अस्पताल में आने वाले बुजुर्गों के सभी तरह के लैब टेस्ट, एक्सरे, इसीजी, अल्ट्रा साउंड व फिजियोथैरेपी के अलावा पूरा इलाज फ्री में किया जाएगा, लेकिन इलाज की इस सुविधा के बारे में भी बुजुर्गों को जानकारी नहीं है और न ही अस्पताल में बताया जा रहा है।

सिविल सर्जन बोले, पिंक पर्ची नहीं बन रही तो जांच करवाएंगे

उधर इस मामले को लेकर जब सिविल सर्जन से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल सीनियर सिटीजन डे पर 60 से अधिक आयु वालों के लिए पिंक रंग की ओपीडी पर्ची बनाने और इनके फ्री टेस्ट करने की व्यवस्था शुरू की गई थी। जहां तक उन्हें जानकारी दी गई है, उसके अनुसार अभी भी पिंक रंग की ओपीडी पर्ची बनाई जा रही है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो वह एसएमओ से जवाब तलबी करेंगे।

सिविल अस्पताल में इलाज करवाने पहुंची गुरमीत कौर अपनी व्यथा सुनाती हुईं।

अस्पताल पहुंचे बजुर्गों ने कही यह बात

तीन घंटे करना पड़ा इंतजार: शिमलापुरी निवासी 71 वर्षीय मलकीत सिंह ने बताया कि उन्हें बीपी की बीमारी के चलते अक्सर सिविल अस्पताल में आना पड़ता है। जहां घंटो तक उन्हें डॉक्टरों के केबिन के बाहर इंतजार करना पड़ता है। बुधवार की सुबह वह करीब 10 बजे ओपीडी में पहुंचे। जहां उन्हे डॉक्टर को मिलने के लिए तीन घंटे का इंतजार करना पड़ा। जब उनका नंबर आया तो डॉक्टर खाना खाने निकल गए।

डॉक्टर रूम के बाहर दो घंटे खड़ी रही: अमरपुरा निवासी 62 वर्षीया गुरमीत कौर ने बताया कि उनके शरीर में पिछले कुछ दिनों से खुजली हो रही थी, जिसके चलते वह बुधवार की सुबह करीब 12 बजे पहुंचे। जहां डॉक्टर के रूम के बाहर लंबी लाइन होने के चलते उसे दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा।

ऑपरेशन के लिए भी इंतजार: हंबड़ा रोड स्थित प्रताप सिंह वाला निवासी 65 वर्षीया बलबीर कौर ने बताया कि उनकी दायीं आंख में सफेद मोतिया होने के चलते उनकी आंख का ऑपरेशन किया जाना था, जिसके चलते उसे मेडिसन के डॉक्टर के बाहर लगी लंबी लाइन के चलते तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा।

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