एफएंडसीसी में रखे 300 से अधिक प्रस्ताव, 105 पर पहुंचते ही लगी ब्रेक

राज्य की आर्थिक राजधानी के नगर निगम का खजाना खाली है। वित्तीय संकट धीरे-धीरे गहराता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 May 2022 12:56 AM (IST) Updated:Sat, 21 May 2022 12:56 AM (IST)
एफएंडसीसी में रखे 300 से अधिक प्रस्ताव, 105 पर पहुंचते ही लगी ब्रेक
एफएंडसीसी में रखे 300 से अधिक प्रस्ताव, 105 पर पहुंचते ही लगी ब्रेक

जागरण संवाददाता, लुधियाना : राज्य की आर्थिक राजधानी के नगर निगम का खजाना खाली है। वित्तीय संकट धीरे-धीरे गहराता जा रहा है। नगर निगम की खस्ता आर्थिक हालत की झलक शुक्रवार को फाइनेंस एंड कांट्रेक्ट कमेटी (एसएंडसीसी) की बैठक में भी दिखी। एफएंडसीसी की बैठक में विकास से संबंधित 300 से अधिक प्रस्ताव रखे गए। जैसे ही एजेंडे पर बहस 105 तक पहुंची इसे ब्रेक लग गई। कारण यह रहा है कि निगम ने बजट में विकास कार्यो के लिए करीब 250 करोड़ रुपये रखे थे। अब तक निगम 220 करोड़ रुपये के टेंडर जारी कर चुका है। ऐसे में निगम के पास अब करीब 30 करोड़ रुपये का बजट बचा है। इसे देखते हुए एजेंडे में शामिल अन्य सभी प्रस्तावों पर रोक लगाते हुए अन्य सभी प्रस्तावों की कुल राशि की गणना करने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद औद्योगिक नगरी व पंजाब के सबसे बड़े नगर निगम की एफएंडसीसी की पहली बैठक शुक्रवार को मेयर हाउस में हुई। एफएंडसीसी के सामने शहर के विकास कार्यो से संबंधित 300 से अधिक प्रस्ताव रखे गए। प्रस्तावों पर चर्चा जब 105 तक पहुंची तो इसे रोक दिय गया। निगम कमिश्नर शेना अग्रवाल का साफ किया कि निगम के बजट में जितना पैसा विकास कार्यों के लिए रखा गया है, उससे अधिक पैसा खर्च नहीं किया जा सकता है। आखिरकार यह फैसला लिया गया कि बाकी जो प्रस्ताव बच गए हैं उनमें जो बहुत जरूरी हैं उन्हें अलग से निकाला जाए। इसकी जिम्मेदारी एडिशनल कमिश्नर आदित्य डेचवाल को सौंपी गई है। अब वे जोड़तोड़ कर आगामी रूपरेखा तैयार करेंगे। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि इसमें कितने ऐसे काम हैं, जिन्हें अति जरूरी की श्रेणी में रखकर करवाना होगा। इन पर एफएंडसीसी की अगली बैठक में विचार किया जाएगा। निगम की एफएंडसीसी की बैठक में इस बार करीब 200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पेश किए गए थे। ऐसे में स्वभाविक था कि सभी प्रस्तावों को पास करना किसी हालत में संभव नहीं था। जीएसटी की किश्त न मिली तो वेतन के पड़ जाएंगे लाले :

नगर निगम खजाने की हालत इस समय इतनी खराब है कि जीएसटी की किश्त नहीं मिली तो मुलाजिमों को वेतन देने के लाले पड़ जाएंगे। अब तक निगम के खजाने में मई का पैसा नहीं पहुंचा है। यह करीब 40 करोड़ रुपये बनता है। इस समय निगम अधिकारियों के सामने यह परेशानी खड़ी हो गई है कि अगर जीएसटी की किश्त समय पर नहीं मिली तो मुलाजिमों को वेतन कैसे दिया जाएगा।

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एफएंडसीसी की बैठक में 300 से अधिक विकास कार्यो के प्रस्ताव रखे गए थे। अभी यह कहना संभव नहीं है कि यह कितने करोड़ रुपये के होंगे। निगम कमिश्नर ने साफ कह दिया था कि बजट से बाहर किसी हालत में नहीं जा सकते हैं। इसलिए लगभग 100 प्रस्ताव को पास करने के बाद आगे रोक दिया गया। अगले माह दोबारा बैठक होगी। इन सभी प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा जनरल हाउस की बैठक भी अगले महीने के पहले हफ्ते में रखी जाएगी।

बलकार सिंह संधू, मेयर लुधियाना

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