एफिडेविट बनवाने को रात 2 बजे मिनी सचिवालय में सो गया आवेदक, सुबह 5 बजे लग गई कतार

एफिडेविट बनवाने के लिए पिछले एक सप्ताह से लोग सुबह से आ रहे हैं। बाद में उन्हें 8 घंटे बाद 2 बजे वो अटेस्टेटड होकर मिलते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Oct 2018 01:48 PM (IST) Updated:Tue, 16 Oct 2018 01:48 PM (IST)
एफिडेविट बनवाने को रात 2 बजे मिनी सचिवालय में सो गया आवेदक, सुबह 5 बजे लग गई कतार
एफिडेविट बनवाने को रात 2 बजे मिनी सचिवालय में सो गया आवेदक, सुबह 5 बजे लग गई कतार

राजेश शर्मा, लुधियाना : एफिडेविट बनवाने के लिए पिछले एक सप्ताह से लोग सुबह से आ रहे हैं। बाद में उन्हें 8 घंटे बाद 2 बजे वो अटेस्टेटड होकर मिलते हैं। सोमवार को एफिडेविट बनवाने के लिए गांव सराभा का आवेदक जसप्रीत सिंह रात दो बजे ही मिनी सचिवालय पहुंच गया। बचत भवन के पीछे बने एफिडेविट सेंटर पर सुबह 5 बजे कतार लगनी शुरू हो गई। जसप्रीत भी कतार में लग गया। काउंटर 9.15 बजे खुला। जसप्रीत की फोटो तो हो गई पर दो बजे तक उसे एफिडेविट ही नहीं मिल पाया था।

जसप्रीत के अलावा दर्जनों लोग ऐसे थे जो सुबह 5 बजे ही एफिडेविट बनवाने के मिनी सचिवालय पहुंच चुके थे। चूंकि स्कूल, कॉलेज में फीस माफी व वजीफे के लिए आमदन सर्टिफिकेट बनवाने का सोमवार को आखिरी दिन था। इसके चलते आवेदक हर हालात में एफिडेविट बनवाना चाहते थे। राहत यह रही कि सोमवार को एफिडेविट तस्दीक करने के लिए तहसीलदार कार्यालय में मौजूद रहे। सोमवार को करीब 450 आवेदकों के एफिडेविट बनें। दो बार बैरंग लौटना पड़ा, इसलिए रात को ही पहुंच गया

वीरवार व शुक्रवार को एफिडेविट बनवाने आया था। भीड़ इतनी थी कि बारी ही नहीं आई। मुझे गांव सराभा से आना था। इसके चलते मैं रात को 2 बजे ही मिनी सचिवालय पहुंच गया। एफिडेविट काउंटर के पास ही सौ गया। सुबह पांच बजे कतार लगनी शुरू हुई तो मैं भी कतार में लग गया। फोटो तो हो गई लेकिन अभी तक एफिडेविट नहीं मिल पाया। कह रहे है कि तहसीलदार के साइन होने के लिए भेजे गए है।

-जसप्रीत सिंह, आवेदक

मेहरबान से सुबह 4 बजे एफिडेविट सेंटर पर पहुंचा

एफिडेविट बनवाने के लिए दो दिन बिना काम करवाए ही लौट गया। आज मेहरबान से सुबह 3.30 बजे निकला तो 4 बजे एफिडेविट सेंटर पहुंच गया। मेरे से पहले ही कुछ लोग एफिडेविट सेंटर पर पहुंच चुके थे। पांच बजे ही कतार लगनी शुरू हो गई थी। अब दो बजने को है लेकिन एफिडेविट अभी तक नहीं मिला। जब प्रशासन को पता था कि इतनी भीड़ जुट रही है तो अलग से व्यवस्था करनी चाहिए थी।

-जगदीश कुमार आवेदक शनिवार को बनाया एफिडेविट अभी तक नहीं मिला

शनिवार को एफिडेविट बन गया था। तहसीलदार के साइन रहते थे। पहले कहने लगे कि तहसीलदार बीमार है फिर बोले कि साहनेवाल भेजे है साइन करवाने। लेकिन शाम तक इंतजार करने के बाद भी एफिडेविट नहीं मिले। अब सुबह से इंतजार कर रहा हूं। एक बज चुके है लेकिन अभी तक एफिडेविट नहीं मिला।

-रणजीत सिंह आवेदक एफिडेविट तो बन गया अब तहसीलदार के साइन का इंतजार

एफिडेविट बनवाने के लिए घंटों कतार में लगने से फोटो हुई। इस दौरान भी कई लोग बिना कतार में लगे फोटो करवाकर चलते बने। फोटो हुए भी घंटों बीत गए एफिडेविट अभी तक नहीं मिला।

-मुकंद सिंह आवेदक

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