समर्पित भाव से भक्ति करने पर हर इच्छा होगी पूर्ण

गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरि महाराज का सर्व मंगल चातुर्मास दरेसी स्थित धर्म कमल हाल में जारी है। गच्छाधिपति की निश्रा में 11 दिवसीय जिन भक्ति स्वरूप भव्य महोत्सव चल रहा है। महोत्सव में प्रतिदिन विविध महापूजन बड़े हर्षोल्लास से करवाए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Oct 2018 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 15 Oct 2018 07:00 AM (IST)
समर्पित भाव से भक्ति करने पर हर इच्छा होगी पूर्ण
समर्पित भाव से भक्ति करने पर हर इच्छा होगी पूर्ण

संस, लुधियाना : गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरि महाराज का सर्व मंगल चातुर्मास दरेसी स्थित धर्म कमल हाल में जारी है। गच्छाधिपति की निश्रा में 11 दिवसीय जिन भक्ति स्वरूप भव्य महोत्सव चल रहा है। महोत्सव में प्रतिदिन विविध महापूजन बड़े हर्षोल्लास से करवाए जा रहे हैं।

महोत्सव में श्री मणिभद्रवीर यक्षेन्द्र देव का होम हवन युक्त महापूजन करवाया गया। इस दौरान मणिभद्रवीर का प्रगट दिवस होने से महापूजन में भक्तों में खूब उत्साह दिखाई दे रहा था। जैन शासन में इनको तपागच्छ के अधिष्ठायक देव के रूप में पूजा जाता है। गच्छाधिपति ने फरमाया कि परमात्मा के प्रति सदा समर्पित भाव से भक्ति करने वालों की हर इच्छा पूर्ण होती है। जो श्रद्धा के स्थान पर संदेह रखते हैं, उनकी मनोकामना फलित नहीं हो पाती। उन्होंने बताया कि देवी-देवता जिनेन्द्र प्रभु की भक्ति से जल्दी प्रसन्न होते हैं। देवी-देवताओं से सासारिक तुच्छ याचनाएं नहीं करनी चाहिए। तप-जप-धर्म आराधना में वह हमारे सहयोगी बनें और जिन धर्म की सेवा और प्रभावना में हमे सम्यक बल प्रदान करें, ऐसी शुभ कामना करनी चाहिए। जो धर्म की सही रीति से आराधना करते हैं, देवता भी उसको नमस्कार करते हैं।

हमारा लक्ष्य परमात्मा की भक्ति में आगे बढ़ने का होना चाहिए। देवताओं के आगे धन, पुत्र, पत्‍‌नी, परिवार , सासारिक सुखों जैसी संसार बढ़ाने वाली प्रार्थना करने से भव भ्रमण बढ़ता है और मुक्ति का मार्ग अवरुद्ध होता है। इसलिए कर्म मुक्त होना तथा जन्म मरण के चक्रव्यूह का भेदन करना, यही हमारी सारी भक्ति, तपस्या और आराधना का सार होना चाहिए। आज के पूजन का लाभ दीवानचंद यशपाल जैन, विकास जैन विकसित जैन परिवार केसरिया पैक वालों ने प्राप्त किया।

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