न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन से घटेगा निमोनिया का खतरा

जासं, लुधियाना: अध्ययनों में खुलासा हुआ है कि भारत में प्रत्येक दो मिनट में निमोनिया के कारण्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Nov 2017 09:29 PM (IST) Updated:Wed, 08 Nov 2017 09:29 PM (IST)
न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन से घटेगा निमोनिया का खतरा
न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन से घटेगा निमोनिया का खतरा

जासं, लुधियाना: अध्ययनों में खुलासा हुआ है कि भारत में प्रत्येक दो मिनट में निमोनिया के कारण एक बच्चे की मौत हो जाती है। निमोनिया देश में 5 वर्ष से कम उम्र के शिशुओं की मौत की प्रमुख वजहों में से एक है। ऐसे में इन मौतों को कम करने के लिए भारत के यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम (यूआइपी)में न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन को शामिल कर लिया गया है। जिससे उम्मीद है कि यह परिस्थिति बदलेगी और भारत 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर घटाने का सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल हासिल करने में सफल होगा। यह कहना है इंडियन एकेडमी और पीडियाट्रिक्स लुधियाना ब्राच के अध्यक्ष डॉ पुनीत जुनेजा का।

वह बुधवार को पार्क प्लाजा में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान जानकारी दे रहे थे। डॉ जुनेजा ने कहा कि न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) को देश के यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम (यूआइपी) का हिस्सा बनाने के भारत सरकार के फैसले से हम सहमत हैं।

21 लाख बच्चों को कवर करने का है लक्ष्य

इस कदम से भारत को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी-3.2) के तहत पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर घटाने में मदद मिलेगी। हालांकि, यूआइपी में शामिल की गई न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन के लिए पहले साल में चुनिंदा राज्यों में गावी (ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्युनाइजेशन)के साथ मिलकर करीब 21 लाख बच्चों को कवर करने का लक्ष्य रखा है।

एक तिहाई मौतों के लिये बैक्टीरिया स्ट्रैप्टोकोकस निमोनिया जिम्मेदार

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जीएस गंभीर, डॉ नवीन बजाज, डॉ एसएस लूथरा, डॉ हरप्रीत सिंह, डॉ विनीत अरोड़ा ने कहा कि भारत और पूरी दुनिया में निमोनिया से होने वाली कुल मौतों में से एक तिहाई के लिए न्यूमोकोकल निमोनिया का कारक बैक्टीरिया स्ट्रैप्टोकोकस निमोनिया जिम्मेदार है। अब पीसीवी देकर इस बीमारी के चुंगल से कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है। वर्ष 2015 में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भारत में पांच वर्ष से कम उम्र की बच्चों में न्यूमोकोकल निमोनिया के 5,64,200 मामले थे, जबकि पंजाब में यह आकड़ा 7400 था।

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