प्लास्टिक उत्पादों की इनपुट कास्ट पर महंगाई की मार, कच्चा माल दोगुना महंगा; कई सेक्टर बेहाल

प्लास्टिक इंडस्ट्री की इनपुट कास्ट में दोगुना तक कच्चा माल महंगा होने से कई सेक्टर के हाल बेहाल हो गए हैं। कच्चा माल महंगा होने का असर इससे तैयार उत्पादों पर भी पड़ रहा है। प्लास्टिक इंडस्ट्री में पीवीएस रेजर के दामों में जबरदस्त उछाल आया है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 19 Dec 2020 09:19 AM (IST) Updated:Sat, 19 Dec 2020 09:19 AM (IST)
प्लास्टिक उत्पादों की इनपुट कास्ट पर महंगाई की मार, कच्चा माल दोगुना महंगा; कई सेक्टर बेहाल
प्लास्टिक के उत्पाद बनाने वाले कच्चे माल के दाम दोगुना हो गए हैं।

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। कोविड संकट के बाद मार्केट में तेज हुई डिमांड ने अब कच्चे माल के दामों में जबरदस्त उछाल ला दिया है। अभी ग्राहक महंगे दामों पर उत्पाद खरीदने में रूचि नहीं दिखा रहे, जबकि मार्केट में डिमांड पुराने दामों पर बढ़ी है। लेकिन इनपुट कास्ट में दोगुना तक कच्चा माल महंगा होने से कई सेक्टर के हाल बेहाल हो गए हैं। रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक के उत्पादों की अहमियत से हर कोई वाकिफ है। आने वाले कुछ दिनों में इनपुट कास्ट के हालात यही रहे, तो प्लास्टिक से संबंधित उत्पाद भी महंगे हो सकते हैं। इसकी मुख्य वजह प्लास्टिक के उत्पाद बनाने वाले कच्चे माल के दाम दोगुना तक हो जाना है।

कच्चे माल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का इन उत्पादों पर असर

बात कच्चे माल की करें, तो प्लास्टिक इंडस्ट्री में पीवीएस रेजर के दामों में जबरदस्त उछाल आया है, इसके दाम 60 रुपए किलो से बढ़कर 135 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। इससे एग्रीकल्चर पाइपस और सबमरसिबल पाइपस का निर्माण किया जाता है। इसी प्रकार एवीएस के दाम 110 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 330 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। यह उत्पाद टेप, लैपटाप, टीवी, मिक्सी की बाडी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसी प्रकार पीपी के दाम 70 रुपए प्रति किलो से 100 रुपए प्रति किलो हो गए है। इसका इस्तेमाल बैग्स के निर्माण में किया जाता है। जबकि सबसे अहम उत्पाद एलडी के दामों में भी 40 रुपए का इजाफा हुआ है। इसके दाम 80 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 120 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। लिफाफे का निर्माण इस कच्चे माल के बिना नहीं किया जा सकता।

दामों में इजाफा असहनीय

फीको प्लास्टिक डिविजन के मनकर गर्ग के मुताबिक इस समय आर्डरों की भरमार है, लेकिन जमाखोरी और इंटरनेशनल मार्केट से इंपोर्ट कम होने का नुक्सान इंडस्ट्री को सहना पड़ रहा है। हमारे पास मांग के मुताबिक कच्चा माल नहीं है। इसके साथ ही दाम इतने बढ़ गए है कि पुराने दामों पर बिक्री करना मुश्किल हो रहा है। अगर यही हालात रहे, तो हमें दामों में इजाफा करना पड़ेगा। राकसी पोलीपैक के सुरेश रैना के मुताबिक हमारे लिए आर्डर नहीं इनपुट कास्ट बड़ी समस्या है। जिन दामों पर आर्डर ले चुके हैं, ऐसे में बढ़े हुए कच्चे माल के दाम देकर प्रोफिट से ज्यादा नुक्सान हो रहा है।

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