लुधियाना के MLA बैंस की मुश्किलें बढ़ीं, High Court में केस रद करने की याचिका खारिज; गिरफ्तारी की लटकी तलवार

बैंस के मामले में पुलिस का हना है कि आदेश की कापी प्राप्त होने के बाद आवश्यक कदम उठाएंगे। वहीं सियासत भी तेज हो गई है। दूसरी पार्टियों के नेताओं का आरोप है कि सरकार की शह पर पुलिस विधायक बैंस को गिरफ्तार नहीं कर ही है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 08:18 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 10:52 AM (IST)
लुधियाना के MLA बैंस की मुश्किलें बढ़ीं, High Court में केस रद करने की याचिका खारिज; गिरफ्तारी की लटकी तलवार
विधायक सिमरजीत सिंह बैंस की मुसीबतें बढ़ीं। (फाइल फाेटाे)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। दुष्कर्म के केस में नामजद लोक इंसाफ पार्टी (लिप) के प्रमुख एवं आत्म नगर हलके के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस (MLA Simarjit Singh Bains) की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट (High Court) से शुक्रवार को केस रद करने की याचिका खारिज होने के बाद उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। कोर्ट के आदेश की कापी मिलने के बाद पुलिस कभी भी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। दुष्कर्म के आरोप लगने के बाद भी पुलिस ने अदालत के आदेश पर भी विधायक बैंक के खिलाफ केस दर्ज किया था लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था। बैंस ने दुष्कर्म के केस को रद करवाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

एडीसपी-3 जसकिरणजीत सिंह तेजा का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश की कापी प्राप्त होने के बाद ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। वहीं, इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है। दूसरी पार्टियों के नेताओं का आरोप है कि सरकार की शह पर पुलिस विधायक बैंस को गिरफ्तार नहीं कर ही है। अगर कोई अन्य आरोपित होता तो अब तक उसकी गिरफ्तारी हो चुकी होगी।

बैंस के सियासी सफर हो लगेगा बड़ा धक्का

दुष्कर्म का केस दर्ज होने के बाद विधायक सिमरजीत सिंह बैंस को सियासी तौर पर भी नुकसान होगा। पिछले दो विधानसभा चुनाव में दोनों बैंस बंधु अपने-अपने हलके से लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं। दोनों ने राजनीति में तेजतर्रार, दबंग व लोगों के लिए काम करने वाले नेता के रूप में पहचान बनाई है। दुष्कर्म के एक के बाद एक लग रहे आरोपों व केस दर्ज होने के बाद इस छवि को धक्का लगेगा। छह से सात माह में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। दुष्कर्म का केस दर्ज होने के बाद सिमरजीत बैंस की मुसीबतें बढ़ गई हैं। पार्टी को सूबे में मजबूत करने की मुहिम को बड़ा धक्का लगा है। यही नहीं अगर दुष्कर्म के आरोप सही साबित हुए तो सियासी सफर खत्म हो जाएगा।

कानूनी पहलू: विधायक के पास अब भी हैं कई रास्ते

कानून के जानकारों के अनुसार विधायक बैंस के पास अब भी कई कानूनी रास्ते बचे हुए हैं। हाई कोर्ट से राहत न मिलने पर वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। दूसरा वह अग्रिम जमानत भी लगा सकते हैं। हां यह जरूर है कि यह अदालत पर निर्भर होगा कि वह उनकी दलीलों से कितना सहमत होते हैं। ऐसे केस में आरोपित अक्सर पहले निचली अदालत में ही जमानत याचिका लगाते हैं। वहां से खारिज होने पर हाई कोर्ट जा सकते हैं। आरोपों को झूठा बताकर फिर से जांच की मांग कर सकते हैं लेकिन यह भी अदालत पर निर्भर करता है कि वह इसकी इजाजत देती है या नहीं।

सुरक्षा : दोनों पीड़ित महिलाओं के साथ सुरक्षाकर्मी तैनात

40 वर्षीय विधवा महिला ने विधायक बैंस पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। इस मामले में केस दर्ज हो चुका है। कुछ दिन पहले एक अन्य महिला ने भी बैंस पर दुष्कर्म के आरोप लगाकर केस दर्ज करने की मांग की थी। दोनों महिलाओं ने अपनी जान को भी खतरा बताया था। दोनों पीड़िताओं को पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करवा दी है।

सियासत : एक मंत्री और अधिकारियों ने दिया संरक्षण

शिरोमणि अकाली दल ने विधायक बैंस की गिरफ्तारी की मांग की है। अकाली नेता हरीश राय ढांडा ने कहा कि पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद कर बैंस के खिलाफ दुष्कर्म, साजिश रचने का केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उच्च पुलिस अधिकारियों ने सूबे के एक कैबिनेट मंत्री के साथ मिलकर इस मामले में दोषियों को बचाने की पूरी कोशिश की है।

chat bot
आपका साथी