बढ़ते संरक्षणवाद और कठिन वैश्विक स्थिति के कारण फरवरी में निर्यात की हुई मामूली वृद्धि

फरवरी 2019 में 26.67 अरब डॉलर के निर्यात के साथ 2.44 प्रतिशत मामूली वृद्धि के निर्यात के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बढ़ते संरक्षणवाद कठिन वैश्विक परिस्थितियों और घरे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Mar 2019 02:22 AM (IST) Updated:Sun, 17 Mar 2019 02:22 AM (IST)
बढ़ते संरक्षणवाद और कठिन वैश्विक स्थिति के कारण फरवरी में निर्यात की हुई मामूली वृद्धि
बढ़ते संरक्षणवाद और कठिन वैश्विक स्थिति के कारण फरवरी में निर्यात की हुई मामूली वृद्धि

जागरण संवाददाता, लुधियाना : फरवरी 2019 में 26.67 अरब डॉलर के निर्यात के साथ 2.44 प्रतिशत मामूली वृद्धि के निर्यात के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बढ़ते संरक्षणवाद, कठिन वैश्विक परिस्थितियों और घरेलू मोर्चे पर बाधाओं के बावजूद निर्यातक बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वैश्विक कारोबार में मंदी व अर्थव्यवस्था में अस्थिरता के कारण पूरे एशिया, खासकर चीन और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में सुस्त विनिर्माण के साथ अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत बने रहे हैं।

इस माह के दौरान निर्यात के करीब सभी श्रम आधारित क्षेत्र नकारात्मक क्षेत्र में चले गए, जिसमें रत्न एवं आभूषण, चमड़ा और चमड़ा उत्पाद, प्लाटेंशन, हस्तशिल्प, कार्पेट, जूट विनिर्माण सहित फ्लोर कवरिग, समुद्री उत्पाद आदि शामिल हैं।

गुप्ता ने कहा कि इसके अलावा पेट्रोलियम में भी नकारात्मक वृद्धि रही, जिसकी वजह से इस महीने में कुल मिलाकर निर्यात नीचे आया है। 30 बड़े उत्पाद समूहों में से 18 में कारोबार सकारात्मक रहा, जिसमें से ज्यादातर में इस महीने में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है।

उन्होंने कहा कि अगर यही धारणा बनी रही तो हम कारोबारी वस्तुओं का निर्यात बढ़ाकर 330 अरब डॉलर तक पहुंचाने में सफल होंगे, जो किसी वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा निर्यात होगा।

फरवरी 2019 में आयात 5.41 प्रतिशत घटा है, जिसकी मुख्य वजह पेट्रोलियम उत्पादों, कीमती और कम कीमती रत्न, सोना और चांदी के निर्यात में गिरावट है। इसकी वजह से रत्न एवं आभूषण और पेट्रोलियम क्षेत्र के निर्यात में कमी आई है। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक सामान का आयात भी सुस्त रहा है।

श्री गुप्ता ने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में आयात कम होने की वजह से कारोबारी घाटा कम हुआ है और यह करीब डेढ़ साल के निचले स्तर पर है। निर्यात क्षेत्र को तत्काल और अनिवार्य रूप से सरकार की मदद की जरूरत है, जिसमें कर्ज मुहैया कराना, आरएंडडी के लिए कर कटौती ज्यादा करना, जीएसटी से एकमुश्त छूट, ऑनलाइन आईटीसी रिफंड, कृषि निर्यात के लिए इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन स्पोर्ट, विदेशी पर्यटकों को बिक्री पर लाभ देना, पूर्वव्यापी प्रभाव से एडवांस ऑथराइजेशन स्कीम के तहत आइजीएसटी से छूट दिया जाना शामिल है। इसके अलावा विपणन और निर्यात से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास को बजट समर्थन सहित कुछ अन्य मसले हैं, जिन पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

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