लुधियाना के लोहा कारोबारी ने की 175 करोड़ की Bogus Billing, सात फर्जी फर्में बना लगाया 31.5 करोड़ का चूना

Bogus Billing विभाग को कुछ समय पहले सूचना मिली थी कि गिल रोड पर स्टील व स्क्रैप का कारोबार करने वाली कुछ कंपनियां बड़ी संख्या में बिल काटकर बिना किसी उत्पाद की खरीद फरोख्त किए आइटीसी क्लेम कर रही हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 12:33 PM (IST)
लुधियाना के लोहा कारोबारी ने की 175 करोड़ की Bogus Billing, सात फर्जी फर्में बना लगाया 31.5 करोड़ का चूना
लोहा कारोबारी ने साथियों के साथ मिलकर सात फर्जी फर्में बनाई। (सांकेतिक तस्वीर)

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। Bogus Billing: गिल रोड स्थित साइकिल मार्केट में एक छोटी सी दुकान करने वाले लोहा कारोबारी ने साथियों के साथ मिलकर सात फर्जी फर्में बनाकर 175 करोड़ रुपये की बोगस बिलिंग कर डाली। कारोबारी ने सेंट्रल गुड्स एवं सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) विभाग को 31.5 करोड़ रुपये आइटीसी रिफंड वसूल कर चूना लगाया है। विभाग ने इस फर्जीवाड़े में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक दंपती और दो अन्य लोग शामिल हैं।

विभाग को कुछ समय पहले सूचना मिली थी कि गिल रोड पर स्टील व स्क्रैप का कारोबार करने वाली कुछ कंपनियां बड़ी संख्या में बिल काटकर बिना किसी उत्पाद की खरीद फरोख्त किए आइटीसी क्लेम कर रही हैं। विभाग की एंटी एवीजन विंग की टीम ने इन कंपनियों की छानबीन शुरू कर दी। पड़ताल में कुछ कंपनियां संदिग्ध पाई गईं। जब इन कंपनियों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया तो पता चला कि वहां पर बोगस बिलिंग की जा रही है। सिर्फ कागजों में ही सामान की खरीद की जा रही थी।

बड़ा हो सकता है बोगस बिलिंग का फर्जीवाड़ा

एंटी एवीजन विंग की डिप्टी कमिश्नर तान्या बैंस और परम अवतार गिल इस मामले में कार्रवाई कर रहे हैं। एक हफ्ते से इसकी जांच चल रही है। अधिकारियों का मानना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी और भी कई नाम इसमें शामिल हो सकते हैं। बोगस बिलिंग का यह फर्जीवाड़ा और बड़ा हो सकता है। स्टील, स्क्रैप, साइकिल सहित कई नामी यूनिट भी विभाग के रडार पर हैं।

आरटीजीएस में दिखाई ट्रांजेक्शन

इस मामले में कारोबारी ने सभी ट्रांजेक्शन आरटीजीएस में दिखाई हैं। एक तो कैश ट्रांजेक्शन नहीं होने के कारण वह पकड़ में नहीं आएगा और घर बैठे ही आइटीसी का क्लेम कर पाएगा। सातों फर्जी कंपनियां एक-दूसरी से जुड़ी हुई हैं। यह आपस में बोगस बिलिंग कर बिना किसी उत्पाद की खरीद फरोख्त के आइटीसी क्लेम के लिए काम करती थीं।

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