लुधियाना में प्रदर्शनकारियों के लिए भेजा छिड़काव करने वाला पानी, गुस्साए किसानों ने घेरा खन्ना नगर कौंसिल दफ्तर

भाकियू पंजाब के प्रधान राजिंदर सिंह बेनीपाल ने कहा कि उन्होंने खन्ना नगर कौंसिल से दो दिन पहले ही अपील की थी कि वीरवार को लगने वाले धरने में किसानों के लिए पानी का टैंकर भेजा जाए। वीरवार को भेजे गए पानी के टैंकर में गंदा पानी भरा था।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 08 Jul 2021 05:26 PM (IST) Updated:Thu, 08 Jul 2021 05:26 PM (IST)
लुधियाना में प्रदर्शनकारियों के लिए भेजा छिड़काव करने वाला पानी, गुस्साए किसानों ने घेरा खन्ना नगर कौंसिल दफ्तर
खन्ना में नगर काउंसिल दफ्तर के बाहर धरना देते हुए किसान। जागरण

जागरण संवाददाता, खन्ना (लुधियाना)। खन्ना में नेशनल हाईवे पर पेट्रो पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ धरने पर बैठे किसान गंदा पानी सप्लाई किए जाने से आग बबूला हो गए और धरना खत्म होते ही सीधे खन्ना नगर कौंसिल दफ्तर जा पहुंचे। उन्होंने दफ्तर के मेन गेट को घेर लिया और कौंसिल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दरअसल, हाईवे पर धरने के दौरान खन्ना नगर कौंसिल की ओर से किसानों के लिए पानी का टैंकर भेजा गया था। किसानों का आरोप था कि टैंकर से भेजा गया पानी गंदा था।  

किसानों की अगुआई कर रहे भारतीय किसान यूनियन पंजाब के प्रधान राजिंदर सिंह बेनीपाल ने कहा कि उन्होंने खन्ना नगर कौंसिल से दो दिन पहले ही अपील की थी कि वीरवार को लगने वाले धरने में किसानों के लिए पानी का टैंकर भेजा जाए। वीरवार को पानी का टैंकर तो आया लेकिन उसमें भरा हुआ पानी गंदा था। पानी बिल्कुल भी पीने लायक नहीं था। इसकी शिकायत फोन पर कौंसिल अधिकारियों से की तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इससे उन्हें कौंसिल दफ्तर आना पड़ा।

बेनीपाल ने कहा कि वे केवल अपनी लड़ाई नहीं लड़ रहे। पेट्रो पदार्थों में वृद्धि का असर हर वर्ग पर है। ऐसे में हर वर्ग को उनके साथ आना भी चाहिए। कौंसिल अधिकारी उनके लिए इतने घटिया पानी का इंतजाम करेंगे, इसका उन्हें एहसास नहीं था। धरने के दौरान पहले खन्ना नगर कौंसिल के कार्यकारी प्रधान जतिंदर पाठक ने किसानों से बात की। इसके बाद ईओ चरणजीत सिंह की ओर से पूरे मामले में खेद जताने के बाद धरना उठा।

छिड़काव के लिए भेज दिया पानी

ईओ चरणजीत सिंह ने कहा कि इस मामले में कौंसिल कर्मियों को गलतफहमी हो गई। उन्हें नहीं पता था कि पानी पीने के लिए चाहिए। वे समझे पानी छिड़काव के लिए भेजा जाना है। इसलिए स्वच्छ पानी नहीं गया। इस संबंध में वे आगे से खुद अपने स्तर पर ध्यान रखेंगें। 

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