विभाग की मजबूरी, किताबें अधूरीं; कैसे होगी पढ़ाई पूरी

लुधियाना कोरोना का साइड इफेक्ट शिक्षा विभाग की कारगुजारी पर भी दिखने लगा है। शिक्षासत्र शुरू हुए दो माह बीत गए लेकिन सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी को अब तक पूरी किताबें नहीं नहीं मिली। दो माह बाद विभाग ने अब किताबें बांटनी शुरू तो की लेकिन अभी भी 221 टाइटलों में से सिर्फ 38 टाइटल ही मिले हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 May 2020 05:00 AM (IST) Updated:Thu, 28 May 2020 06:03 AM (IST)
विभाग की मजबूरी, किताबें अधूरीं; कैसे होगी पढ़ाई पूरी
विभाग की मजबूरी, किताबें अधूरीं; कैसे होगी पढ़ाई पूरी

राजेश भट्ट, लुधियाना

कोरोना का साइड इफेक्ट शिक्षा विभाग की कारगुजारी पर भी दिखने लगा है। शिक्षा सत्र शुरू हुए दो माह बीत गए हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को अभी तक पूरी किताबें नहीं मिली हैं। अब विभाग ने किताबें बांटनी शुरू कीं, तो इसमें से अभी भी 221 में से सिर्फ 38 टाइटल ही जिला शिक्षा विभाग के पास पहुंचे हैं। जिला शिक्षा विभाग ने किताबें ब्लॉक प्राइमरी एजुकेशन अफसरों के जरिये स्कूलों तक पहुंचानी शुरू तो कर दी हैं, लेकिन जब तक विद्यार्थियों को पूरी किताबें नहीं मिल जातीं, तब तक वे सही तरीके से पढ़ाई शुरू नहीं कर सकेंगे। किताबों की सप्लाई में हो रही देरी ने शिक्षा विभाग के उन दावों की हवा निकाल दी है जिनमें यह कहा जा रहा था कि शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही स्कूलों में किताबें पहुंचा दी जाएंगी, ताकि टीचर्स रिजल्ट वाले दिन ही बच्चों को किताबें दे दें।

बता दें कि शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त किताबें उपलब्ध करवाता है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) की तरफ से इसके तहत क्लासवाइज अलग-अलग विषयों व अलग-अलग माध्यमों के टाइटल निर्धारित किए गए हैं। जिसमें अतिरिक्त व वैकल्पिक विषयों की किताबें भी शामिल हैं। सरकारी स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक पंजाबी और अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाया जाता है। इस तरह सरकारी स्कूलों के बच्चों को दिए जाने वाली किताबों के 221 टाइटल बनते हैं। इनमें से अभी तक सिर्फ 38 टाइटल ही जिला शिक्षा विभाग को मिले हैं। जिला शिक्षा विभाग के अनुसार कुछ स्कूलों ने किताबें बांटनी शुरू कर दी हैं। मगर, टाइटल पूरे न होने की वजह से उन स्कूलों को भी बाकी किताबों के लिए विद्यार्थियों या उनके अभिभावकों को दोबारा स्कूल में बुलाना पड़ेगा।

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2.20 लाख बच्चों को मिलनी हैं फ्री किताबें

लुधियाना जिले में करीब 1525 सरकारी स्कूल हैं। जिसमें 992 सरकारी प्राइमरी स्कूल, 191 मिडल स्कूल, 161 हाई स्कूल व 181 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में कुल 2.20 लाख के करीब विद्यार्थी पढ़ते हैं। पहली से पांचवीं कक्षा में करीब 92 हजार, छठी से आठवीं तक 57 हजार, नौवीं व दसवीं में 40 हजार और 11वीं व 12वीं में करीब 31 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। इन सभी विद्यार्थियों को विभाग की तरफ से किताबें फ्री में दी जानी हैं।

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किस सेक्शन के कितने टाइटल आए

सरकारी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के कुल 28 टाइटल हैं, जिसमें अभी तक 13 टाइटल आए हैं। वहीं मिडल सेक्शन के 48 टाइटल हैं, जिसमें से 12 व हाई स्कूल सेक्शन में मुख्य विषयों के 36 टाइटल बनते हैं जिसमें से अभी तक 12 टाइटल ही विभाग के पास पहुंचे हैं। जबकि सीनियर सेकेंडरी सेक्शन का अभी सिर्फ एक टाइटल आया है। हालांकि स्कूल प्रिसिपलों को जितनी किताबें मिल रही हैं, उन्होंने बच्चों को उतनी किताबें बांटनी शुरू कर दी हैं।

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'अभी हमारे पास कम टाइटल पहुंचे हैं। इस बारे में पीएसईबी के अफसरों के साथ संपर्क कर रहे हैं। स्कूल प्रमुखों को कहा गया है कि जैसे-जैसे किताबें आ रही हैं विद्यार्थियों को बांटते रहें, ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।'

-कुलदीप सिंह, डिप्टी डीईओ एलीमेंट्री लुधियाना।

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