बादल परिवार श्री गुरु ग्रंथ साहिब का नहीं बना, किसानों का कैसे बन सकता है : बैंस

बैंस ने बादल परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीबी बादल ने केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा देकर पंजाब के लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकती क्योंकि यह राजनीतिक ड्रामा है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 07:07 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 07:07 PM (IST)
बादल परिवार श्री गुरु ग्रंथ साहिब का नहीं बना, किसानों का कैसे बन सकता है : बैंस
बादल परिवार श्री गुरु ग्रंथ साहिब का नहीं बना, किसानों का कैसे बन सकता है : बैंस

लुधियाना, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से किसान विराेधी एवं किसानों को तबाह करने वाले खेती सुधार कानून के खिलाफ लोक इंसाफ पार्टी 23 सितंबर को रोष मार्च करके संसद का घेराव करेगी। इस मार्च को लेकर पार्टी ने कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां तय कर दी हैं। पार्टी प्रधान सिमरजीत सिंह बैंस एवं सरप्रस्त बलविंदर सिंह बैंस ने कहा कि इस मार्च के जरिए सरकार पर खेती सुधार कानून को रद्द कराने के लिए दबाव बनाया जाएगा।

बैंस ने बादल परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीबी बादल ने केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा देकर पंजाब के लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकती, क्योंकि यह राजनीतिक ड्रामा है। बैंस ने कहा कि जो पार्टी एवं परिवार श्री गुरु ग्रंथ साहिब की मर्यादा नहीं रख सका, वह किसानों एवं पंजाबियों का भला कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि बादल सरकार के कार्यकाल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंग खंडित करके गलियों में बिखेरे गए। इसके विरोध में शांतिपूर्ण रोष प्रदर्शन कर रहे सिख युवकों को पुलिस ने गोलियां चला कर शहीद कर दिया गया, लेकिन बादल सरकार दोषियों को पकड़ने की बजाए नाकामयाब रहे।

बादल की हठ के चलते शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 328 पावन स्वरूप गायब कर दिए, लेकिन बादल परिवार ने चुप्पी साधी। बैंस ने कहा कि बादल परिवार खेती सुधार कानून को किसान विरोधी नहीं मानता ही नहीं, फिर किसानों का नेतृत्व कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि लोक इंसाफ पार्टी इस कानून का शुरू से ही विरोध कर रही है। बैंस ने भरोसा दिलाया कि पार्टी हमेशा ही किसानों के साथ खड़ी है। इस काले कानून को खत्म कराने तक संघर्ष करेगी।

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी