लुधियाना में मेयर ख्वाजा मोहम्मद यूसूफ की आलीशान कोठी से मिला ख्वाजा कोठी चौक को नाम

अंग्रेजों के जमाने में ख्वाजा मोहम्मद यूसूफ लुधियाना के मेयर हुआ करते थे। मेयर ख्वाजा ने अपनी रिहायश तीन नंबर डिवीजन चौक से करीब 200 मीटर की दूरी पर बनाई थी। आजादी से पहले भी मेयर ख्वाजा की कोठी प्रसिद्ध हुआ करती थी।

By Rohit KumarEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 10:44 AM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 10:44 AM (IST)
लुधियाना में मेयर ख्वाजा मोहम्मद यूसूफ की आलीशान कोठी से मिला ख्वाजा कोठी चौक को नाम
अंग्रेजों के जमाने में ख्वाजा मोहम्मद यूसूफ लुधियाना के मेयर हुआ करते थे।

लुधियाना, राजेश भट्ट। भारत में नगर कौंसिल अंग्रेजों के जमाने से काम करती आ रही हैं। लुधियाना शहर का संचालन आजादी से पहले ही नगर कौंसिल किया करती थी। नगर कौंसिल में बाकायदा मेयर नियुक्त किए जाते थे और वही लोगों से टैक्स वसूलने व लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाते थे। अंग्रेजों के जमाने में लुधियाना में ख्वाजा मोहम्मद यूसूफ शहर लुधियाना के मेयर हुआ करते थे और लोग उन्हें ख्वाजा मेयर के नाम से जानते थे।

मेयर ख्वाजा ने अपनी रिहायश तीन नंबर डिवीजन चौक से करीब 200 मीटर की दूरी पर बनाई थी। यहां उनकी एक आलीशान कोठी हुआ करती थी और आजादी से पहले भी मेयर ख्वाजा की कोठी प्रसिद्ध हुआ करती थी। यही नहीं आजादी के बाद भी मेयर ख्वाजा की कोठी मौजूद रही। मेयर ख्वाजा की कोठी उस वक्त शहर में एक लैंड मार्क हुआ करती थी तो कोठी के बाहर के चौक को लोगों ने ख्वाजा कोठी चौक बोलना शुरू कर दिया। 1919 में वह मेयर थे तो उन्होंने चौक का नाम ही ख्वाजा कोठी चौक रख दिया था।

अब ख्वाजा कोठी का अस्तित्व खत्म हो चुका है और चौक कूड़े के डंप में तब्दील हो चुका है लेकिन इसके बावजूद लोग इस चौक को आज भी ख्वाजा कोठी चौक के नाम से ही बुलाते हैं। रेवेन्यू रिकार्ड और नगर निगम के रिकार्ड में आज भी चौक का नाम ख्वाजा कोठी चौक ही है। इस चौक से एक सड़क डिवीजन नंबर तीन चौक से आती है। दूसरी सड़क खुडमोहल्ला, तीसरी मंडी केसर गंज और चौथी सड़क सुभानी बिल्डिंग की तरफ से आती है।

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