जीवन बचाने के लिए अखबार बांटने में जुटा रहा
पिछले करीब 24 साल से मैं लुधियाना में अखबार वितरण का काम कर रहा हूं।
लुधियाना : पिछले करीब 24 साल से मैं लुधियाना के न्यू जनता नगर, कबीर नगर, गुरपाल नगर एवं अमर नगर में अखबार वितरण का काम कर रहा हूं। इस दौरान काफी अड़चनें भी आई, लेकिन कोरोना जैसा दौर कभी नहीं देखा। कोरोना में दो चुनौतियां साफ दिखाई दीं। जीवन भी बचाना है और कारोबार भी। तभी परिवार का पालन पोषण चलता रहेगा। ऐसे में जीवन बचाने के साथ-साथ पूरी सावधानियां रखकर कारोबार किया और तमाम चुनौतियों को पार करते हुए रोजाना अखबार वितरण का सिलसिला जारी रखा। कोरोना काल में दैनिक जागरण परिवार का भी भरपूर सहयोग मिला।
लोगों में भ्रम व अफवाहें फैलीं तो विभिन्न विशेषज्ञों ने यह स्पष्ट किया कि अखबार पढ़ने से कोरोना नहीं होता। पाठकों को इसके बारे में समझाया। वे लोग समझे भी और उनको इस कोरोना काल में भी हर दिन अखबार उपलब्ध कराया। इसके बाद परिवार को भी समझाया कि समाचार वितरण में वे पूरी एहतियात बरतते हैं और आज भी कोरोना से बचाव के लिए पूरी सावधानियां बरत रहा हूं। मास्क, ग्लब्ज एवं सैनिटाइजेशन के साथ ही अखबार वितरण का सिलसिला जारी रखा है।
कर्मयोगी: गौरव गर्ग, निवासी कबीर नगर
कोरोना में पहली बार ऐसी परेशानी आई पर चुनौतियों से पर पाया
22 साल पहले मैंने अपने पिता से सीख लेकर अखबार वितरण का काम शुरू किया था। मेरे पिता जीवन सिंह 1988 से अखबार बांटते रहे। उस समय मैं छठी कक्षा में पढ़ता था। सुबह-सुबह पिता जी जब निकलते थे तो मैं भी उनका हाथ बंटाने लगा। वर्ष 1998 में पिता जी की उम्र ज्यादा होने पर मैं अखबार बांटने लगा। पिछले 22 सालों से अखबार बांटते हुए कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन अखबार वितरण का काम कभी नहीं रुका। हम अखबार वितरण को लेकर वह पूरी सतर्कता बरतते हैं। ग्लब्स और मास्क पहनने के अलावा सैनिटाइज भी करते हैं। सुखद बात यह है कि अब वही पाठक वापस अखबार पढ़ने लगे हैं। इसके लिए दैनिक जागरण ने काफी सहयोग किया और पाठकों को सही स्थिति की जानकारी दी।
-जोगिदर सिंह, बाड़ेवाल रोड