देश की सुरक्षा के साथ-साथ प्रकृति को हरा-भरा बनाएंगे आइटीबीपी जवान

भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के जवान अब देश की सुरक्षा के साथ-साथ प्रकृति को भी हरा-भरा बनाने में योगदान देंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Sep 2018 11:50 AM (IST) Updated:Fri, 07 Sep 2018 11:50 AM (IST)
देश की सुरक्षा के साथ-साथ प्रकृति को हरा-भरा बनाएंगे आइटीबीपी जवान
देश की सुरक्षा के साथ-साथ प्रकृति को हरा-भरा बनाएंगे आइटीबीपी जवान

जगराओं (बिंदु उप्पल) : भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के जवान अब देश की सुरक्षा के साथ-साथ प्रकृति को भी हरा-भरा बनाने में योगदान देंगे। इसके लिए वे बकायदा प्रशिक्षण ले रहे हैं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल आरएन कपूर ने दैनिक जागरण को बताया कि वह पिछले 20 वषरें से टेक्नोकेयर नर्सरी चला रहे हैं। पहली बार गार्डनिंग प्रशिक्षण को लेकर आइटीबीपी की ओर से आवेदन आया था। इसी के तहत टेक्नोकेयर नर्सरी में प्रशिक्षण चल रहा है।

इस नर्सरी में प्रशिक्षण लेने के लिए आइटीबीपी के जालंधर, पटियाला, अमृतसर, लुधियाना, नोएडा, साभा, उधमपुर, श्रीनगर से पैरामिलिट्री फोर्स से 16 जवान आए हुए हैं। ये सभी पैरा-मिलिट्री फोर्स में बतौर गार्डनर भर्ती हुए है। अब ये सभी गार्डनर यहा से प्रशिक्षण लेकर अपनी -अपनी रेजीमेंट यूनिट में जाकर अपनी टीमों को प्रशिक्षण देंगे। साथ ही अपने आसपास पौधरोपण व लैंड-स्केपिंग करेंगे। पौधों की पहचान से लेकर टहनियों की कटाई का ले रहे हैं प्रशिक्षण

टेक्नोकयर नर्सरी की प्रमुख नीलम कपूर ने बताया कि पंद्रह दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान उनको गार्डनिंग, पौधों की केयर, पौधों को कब व कितना पानी देना है, पौधों की पहचान, जड़, फूल, पत्ता, टहनी की पहचान करवाना, तरह-तरह पेड़-पौधों, टहनियों, झाड़ियों सजावटी फूलों, विभिन्न मौसम अनुकूल फूलों, सजावटी पौधों, बेलों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इतना ही उनको लैंड-स्केपिंग के बारे में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि कैसे खाली पड़ी जगह को सुंदर पार्क का रूप देना, अलग-अलग पौधे लगाना, खुशबू वाले पौधे, धूप व छाया के पौधे, कलर-कंबीनेशन वाले पौधों का कैसे चुनाव कर सुंदर सजावटी आकर्षित पार्क बनाना के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। थ्योरी व प्रेक्टिकल क्लास ले रहे हैं जवान

नीलम कपूर ने बताया कि इस पंद्रह दिवसीय प्रशिक्षण दौरान सुबह दस बजे से एक बजे तक गार्डनर की थ्योरी की क्लास लगती है। दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक प्रेक्टिकल की क्लास लगती है। इसमें उनको पौधरोपण के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। अंतिम दिन सभी पैरा-मिलिट्री स्टाफ को पेपर भी थ्योरी व प्रेक्टिकल का पेपर भी देना होगा। फिर उनको तभी मास्टर गार्डनर का सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

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